Google DeepMind की एक सहयोगी कंपनी Isomorphic Labs दवा विकास की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाने वाली है. 2021 में DeepMind की AlphaFold तकनीक के ब्रेकथ्रू के बाद लॉन्च हुई इस कंपनी का लक्ष्य है दवा खोज की प्रक्रिया को तेज, सस्ता और अधिक सफल बनाना. अब खबर ये है कि Isomorphic Labs अपनी पहली AI-डिजाइन की गई दवाओं के मानव परीक्षण की तैयारी में जुटी हुई है.
AlphaFold वो तकनीक है जो प्रोटीन की 3D संरचना की भविष्यवाणी करती है. इसने वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद की कि प्रोटीन अन्य अणुओं के साथ कैसे क्रिया करता है, जो नई दवाएं डिज़ाइन करने के लिए बेहद जरूरी जानकारी है.
Isomorphic Labs ने इसी तकनीकी नींव पर एक टीम खड़ी की जिसमें AI शोधकर्ता और फार्मास्युटिकल विशेषज्ञ दोनों शामिल हैं. कंपनी की रिसर्च फिलहाल कैंसर और इम्यूनोलॉजी जैसी बीमारियों पर केंद्रित है, जहां नए इलाज की बेहद ज़रूरत है.
कंपनी ने Novartis और Eli Lilly जैसी प्रमुख दवा कंपनियों के साथ साझेदारी की है. इनका मकसद दोनों ही मौजूदा दवा प्रोग्राम को आगे बढ़ाना और नए, इन-हाउस ड्रग कैंडिडेट्स पर काम करना है. Isomorphic Labs के अध्यक्ष Colin Murdoch के अनुसार, लंदन में चल रही टीम पहले ही कई दवाओं को प्रीक्लिनिकल टेस्टिंग तक पहुंचा चुकी है, और अब अगला कदम मानव परीक्षण की ओर है.
आपको बता दें कि अप्रैल 2025 में Isomorphic Labs ने $600 मिलियन की फंडिंग हासिल की थी, जिसमें Thrive Capital ने लीड किया. इस फंड का उपयोग कंपनी की AI इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और क्लिनिकल डेवलपमेंट को सपोर्ट करने में किया जा रहा है.
इनका मुख्य लक्ष्य है एक ऐसी AI-ड्रिवन दवा डिजाइन प्रणाली तैयार करना जो मेडिकल जरूरतों की पहचान करे, प्रभावी दवाएं डिज़ाइन करे और उन्हें पारंपरिक तरीकों की तुलना में जल्दी और सफलतापूर्वक ट्रायल में लाए.
दवाओं का विकास एक धीमी और महंगी प्रक्रिया मानी जाती है, जिसमें सफलता की दर भी कम होती है. लेकिन Isomorphic Labs को विश्वास है कि AI के जरिए वे इस प्रोसेस को न सिर्फ तेज करेंगे बल्कि यह भी पता लगा सकेंगे कि कौन सी दवा मानव परीक्षण से पहले ही काम कर सकती है.
कंपनी अपने इन-हाउस ड्रग डिज़ाइन प्रोग्राम पर भी काम कर रही है, और इनकी योजना है कि शुरुआती परीक्षण के बाद सफल दवाओं को लाइसेंस के लिए बाहर किया जाए.
हालांकि मानव परीक्षण अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन इसकी तैयारी ज़ोरों पर है. इन ट्रायल्स के नतीजे यह दिखाएंगे कि क्या AI द्वारा डिजाइन की गई दवाएं वाकई इंसानों पर भी असरदार होती हैं. यह मेडिकल टेक्नोलॉजी के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.
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