ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले हो जाइए सावधान! सरकार ने जारी कर दी बड़ी चेतावनी, गलती से भी न करें ये गलती

Updated on 24-Jun-2025

डिजिटल इंडिया के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग जितनी आसान हुई है उतना ही साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ गया है. त्योहार हो या सेल सीजन आत ही जैसे-जैसे ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर बढ़ा रहे हैं वैसे-वैसे साइबर ठग नए-नए हथकंडों से लोगों को फंसा रहे हैं. फेक वेबसाइट्स, फर्जी SMS और नकली कॉल्स के जरिए ये साइबर ठग न सिर्फ आपका पैसा उड़ाते हैं बल्कि आपकी संवेदनशील जानकारी को भी चुरा लेते हैं.

इसी बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने एक पब्लिक अलर्ट जारी किया है. इस चेतावनी में कहा गया है कि ऑनलाइन खरीदार फेक वेबसाइट्स, फिशिंग डिलीवरी मैसेज और धोखाधड़ी वाले लिंक से सतर्क रहें.

भारत सरकार की आधिकारिक साइबर सुरक्षा हैंडल CyberDost ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. उसने अपने पोस्ट में कहा है “ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम अलर्ट! नकली साइट्स और फर्जी डिलीवरी मैसेज बढ़ रहे हैं. बिना जांचे लिंक पर क्लिक न करें. केवल भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स पर ही शॉपिंग करें.”

ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम क्या है?

ठग अलग-अलग तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं. इसके लिए वे कई तरीके के स्कैम का सहारा लेते हैं. नीचे आपको ऐसे ही कुछ स्कैम के बारे में डिटेल्स से बता रहे हैं. इन स्कैम से आपको सावधान रहने की जरूरत है.

फिशिंग डिलीवरी मैसेज

यूजर को एक SMS या ईमेल आता है जिसमें लिखा होता है कि उनका ऑर्डर होल्ड पर है या पेमेंट वेरिफिकेशन की जरूरत है. ऐसे मैसेज में लिंक भी होता है जो दिखने में किसी बड़ी ई-कॉमर्स साइट जैसा लगता है. लेकिन असल में वह यूजर को एक नकली साइट पर ले जाता है जहां उनके कार्ड, UPI या बैंक डिटेल्स चुरा ली जाती हैं.

नकली शॉपिंग वेबसाइट्स

कुछ वेबसाइट्स दिखने में एकदम असली लगती हैं जैसे Amazon, Flipkart या Myntra की कॉपी. ये साइट्स गूगल सर्च में भी असली साइट्स के साथ नजर आ जाती हैं. ये बड़ी छूट या रेयर प्रोडक्ट्स का झांसा देती हैं, लेकिन पेमेंट के बाद न तो डिलीवरी होती है और न ही वेबसाइट का कोई जवाब मिलता है.

सोशल मीडिया स्कैम

Facebook या Instagram पर स्कैमर्स फेक ब्रांड्स के नाम से Sponsored Ads चलाते हैं. इन पर क्लिक करने से यूजर सीधे एक नकली साइट पर पहुंच जाता है जो पेमेंट की डिटेल्स मांगती है.

पेमेंट वेरिफिकेशन फ्रॉड

“आपका ऑर्डर कंप्लीट नहीं हो पाया” ऐसे मैसेज भेजकर फर्जी लिंक दिए जाते हैं जिन पर क्लिक करते ही आपके फोन में मालवेयर इंस्टॉल हो सकता है या आपकी बैंक जानकारी लीक हो सकती है.

कैसे बचें ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम से?

बिना जांचे किसी लिंक पर क्लिक न करें

अगर कोई मैसेज यह कहे कि आपका ऑर्डर डिले है या पेमेंट पेंडिंग है, तो उस ई-कॉमर्स ऐप या वेबसाइट पर जाकर खुद चेक करें. अजनबी नंबर या मेल से आए मैसेज पर भरोसा न करें.

केवल ऑफिशियल प्लेटफॉर्म से ही खरीदारी करें

Flipkart, Amazon, Myntra जैसी जानी-पहचानी साइट्स या ऐप्स का ही इस्तेमाल करें. किसी अनजान लिंक या WhatsApp फॉरवर्ड से मिली वेबसाइट पर शॉपिंग न करें.

URL को ध्यान से चेक करें

पेमेंट से पहले वेबसाइट का URL जरूर चेक करें कि क्या यह “https://” से शुरू होता है? क्या spelling सही है? जैसे “amaz0n.in” और “amazon.in” में अंतर समझें.

OTP या CVV कभी भी किसी को न बताएं

कोई भी असली कंपनी या डिलीवरी एग्जीक्यूटिव आपसे OTP या कार्ड CVV नहीं मांगेगा. ऐसा करने पर तुरंत सतर्क हो जाएं.

सेलर रेटिंग और रिव्यू पढ़ें

अगर आप किसी कम पहचानी गई साइट से खरीदारी कर रहे हैं, तो पहले उसके रिव्यू और सेलर की रेटिंग जरूर पढ़ें.

साइबर फ्रॉड की रिपोर्ट तुरंत करें

अगर आपको लगता है कि आप ठगी का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत Cybercrime Helpline नंबर 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें.

Sanchar Saathi और Chakshu की मदद लें

सरकार ने हाल ही में Sanchar Saathi और Chakshu Portal जैसे टूल लॉन्च किए हैं, जो फर्जी कॉल्स, SMS और ईमेल की रिपोर्टिंग में मदद करते हैं. इसके अलावा अगर किसी के नाम पर फर्जी सिम जारी हो गया हो तो उसकी भी शिकायत की जा सकती है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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