Cut Your AC Bill - Know Government Suggests
जल्द ही भारत में एयर कंडीशनर्स (ACs) के लिए टेम्परेचर की एक फिक्स्ड लिमिट लागू होने वाली है. हाल ही में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की कि AC स्टैंडर्ड्स को लेकर एक नया नियम जल्द लागू होगा. उन्होंने बताया कि ACs के लिए टेम्परेचर स्टैंडर्ड 20°C से 28°C के बीच सेट किया जाएगा, यानी न तो 20°C से नीचे कूलिंग होगी और न ही 28°C से ऊपर हीटिंग. इसे उन्होंने एक पहला प्रयोग बताया है, जिसका मकसद टेम्परेचर सेटिंग्स को स्टैंडर्ड करना है.
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के अनुसार, अपने AC का टेम्परेचर सिर्फ 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने से आप अपने बिजली बिल पर लगभग 6 प्रतिशत की बचत कर सकते हैं. BEE का कहना है कि कई लोग अपने AC को 20-21 डिग्री सेल्सियस पर सेट करते हैं, लेकिन आइडियल कम्फर्ट लेवल वास्तव में 24-25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. अगर आप अपने AC को 20 डिग्री से बढ़ाकर 24 डिग्री सेट करते हैं तो आप 24 प्रतिशत तक बिजली बचा सकते हैं.
AC को 24 डिग्री पर रखने से आप न सिर्फ एनर्जी बचाते हैं, बल्कि खर्च भी कम करते हैं. BEE का अनुमान है कि अगर ज्यादा लोग इस सलाह को मानें तो हर साल लगभग 20 बिलियन यूनिट्स बिजली बचाई जा सकती है, जिसकी कीमत करीब 10,000 करोड़ रुपये है. अगर लगभग आधे यूजर्स भी यह बदलाव करते हैं, तो 10 बिलियन यूनिट्स बिजली की बचत हो सकती है, जिससे हर साल 8.2 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा.
याद रखें कि आप अपने AC की फैक्ट्री सेटिंग्स को आसानी से बदल सकते हैं, अगर आप यह एडजस्टमेंट करना चाहते हैं. कंप्रेसर का एयर कूल करने का तरीका सेटिंग्स के बावजूद एकसमान रहता है. हालांकि, अगर आप टेम्परेचर को 18 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच सेट करते हैं तो इनडोर एनवायरनमेंट बहुत ठंडा हो सकता है. इससे अक्सर लोगों को गर्म कंबल ओढ़ने पड़ते हैं जो एनर्जी की बर्बादी करता है.
कम्फर्ट पर रिसर्च के मुताबिक, 25 डिग्री सेल्सियस तक का टेम्परेचर ज्यादातर लोगों के लिए कम्फर्टेबल होता है, खासकर जब ह्यूमिडिटी और एयरफ्लो भी अच्छे लेवल पर हों. ऐसे में कम टेम्परेचर करने के केवल ऊर्जा की बर्बादी होती है. यानी अब समय आ गया है अब एसी के टेम्परेचर को 20 डिग्री से ज्यादा पर सेट करने का.
हालांकि इसकी अंतिम तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन सरकार जल्द ही इसे लागू करने की दिशा में काम कर रही है. हो सकता है शुरुआत में इसे केंद्रीय मंत्रालयों, सरकारी कार्यालयों और बड़े कॉर्पोरेट्स में लागू किया जाए, इसके बाद आम नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा. लेकिन, अभी इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
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