अगर आप स्मार्टवॉच पहनते हैं और विशेष रूप से Wear OS (गूगल का वॉच ऑपरेटिंग सिस्टम) पर चलने वाली स्मार्टवॉच का उपयोग करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. Google का Earthquake Alert System जो पहले से ही Android स्मार्टफोन्स में उपलब्ध था. यह अब धीरे-धीरे Wear OS स्मार्टवॉच पर भी आ रहा है.
Google ने हाल ही में अपनी System Release Notes में इस अपडेट की जानकारी दी है. Android Authority द्वारा सबसे पहले देखी गई इस जानकारी के अनुसार, अब भूकंप आने से पहले स्मार्टवॉच यूजर्स को उनके वॉच डिस्प्ले पर ही एक अलर्ट मिल जाएगा.
इससे पहले, Google का Earthquake Detection फीचर अगस्त 2020 में Android फोन पर लॉन्च हुआ था और फिर धीरे-धीरे दुनिया भर के कई क्षेत्रों में इसे रोलआउट किया गया. भारत में यह सेवा सितंबर 2023 में शुरू की गई थी.
Google का यह सिस्टम पारंपरिक सीस्मोमीटर (seismometer) पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहता. बल्कि यह उन मोशन सेंसर्स का उपयोग करता है जो Android स्मार्टफोन्स में पहले से मौजूद होते हैं.
जब एक ही क्षेत्र में कई फोन एक साथ कंपन महसूस करते हैं तो ये फोन डेटा को Google के सर्वर पर भेजते हैं. सर्वर उस डेटा का विश्लेषण करता है और अगर यह एक संभावित भूकंप का संकेत देता है, तो पास के क्षेत्रों में अलर्ट भेज दिए जाते हैं.
अब यही सुविधा Wear OS आधारित स्मार्टवॉच पर भी आने वाली है. मतलब अगर आपके पास फोन नहीं है, या वो साइलेंट मोड में है, फिर भी आपकी स्मार्टवॉच भूकंप से पहले अलर्ट दे सकती है और वो भी आपकी कलाई पर. यह फीचर खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो LTE-इनेबल्ड स्मार्टवॉच का उपयोग करते हैं और कभी-कभी बिना फोन के बाहर निकलते हैं.
हालांकि Google ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि Wear OS पर अलर्ट कैसे दिखाई देगा, लेकिन उम्मीद है कि यह Android फोन की तरह ही होगा:
तेज भूकंप के लिए ज़ोरदार अलर्ट, जो Do Not Disturb मोड में भी दिखेगा
इन कुछ सेकंडों में आप अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. यही इस फीचर की असली ताकत है.
भारत में कब होगा रोलआउट?
फिलहाल Google ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि यह Wear OS फीचर भारत में कब तक उपलब्ध होगा. लेकिन Android फोन की तरह ही, संभव है कि इसे चयनित क्षेत्रों में पहले और फिर धीरे-धीरे अन्य देशों में रोलआउट किया जाएगा. यह अपडेट किसी बड़े सॉफ्टवेयर अपडेट का हिस्सा बनकर आ सकता है या फिर बैकग्राउंड में धीरे-धीरे जोड़ा जा सकता है.
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