सूरत के घुड़दौड़ रोड क्षेत्र में रहने वाले 81 वर्षीय बुजुर्ग से साइबर अपराधियों ने “डिजिटल अरेस्ट” का झांसा देकर 16.65 लाख रुपये की ठगी कर ली। उन ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर बुजुर्ग को फर्जी कानूनी कार्रवाई में फंसा दिया। यह घटना 19 अप्रैल को शुरू हुई, जब एक व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस का PSI रवि कुमार बताकर बुजुर्ग को फोन किया। उसने आरोप लगाया कि बुजुर्ग के आधार कार्ड से एक Canara बैंक में खाता खोला गया है, जो 2.5 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा हुआ है।
बुजुर्ग को वीडियो कॉल पर “Samta Gaudpade” और “George” नाम के दो अन्य सीनियर अधिकारियों से जोड़ा गया, जिन्होंने बताया कि उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में लिया गया है और अब उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
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ठगों ने अपनी बातों को सच्चा साबित करने के लिए नकली सुप्रीम कोर्ट वॉरंट और Enforcement Directorate (ED), CBI, RBI जैसी सरकारी एजेंसियों की मुहर लगे दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुछ फर्जी आरोपी जैसे मोहम्मद इस्लाम नवाब और हरीश कार्तिक का नाम लेकर भरोसा भी दिलाया।
झांसे में आकर बुजुर्ग ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ दी और “अकाउंट वेरिफिकेशन” के नाम पर 16.65 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। उन्हें 15 मिनट में पैसे लौटाने का वादा किया गया था, लेकिन जब पैसे वापस नहीं आए, तो उनकी बेटी को शक हुआ।
इसके बाद बेटी ने मामले को समझा और तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की। 22 मई को सूरत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
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पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों की तलाश में लगी है। फर्जी दस्तावेजों और वीडियो कॉल्स की तकनीकी जानकारी को खंगाला जा रहा है।