साइबर चोरों की आ गई शामत! सरकार का नया ‘हथियार’ लॉन्च, डिजिटल पेमेंट फ्रॉड रोकने में मिलेगी मदद

Updated on 22-May-2025

दूरसंचार विभाग यानी DoT ने साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए Financial Fraud Risk Indicator (FRI) नाम का एक रिस्क-बेस्ड टूल लॉन्च किया है. जो इसके डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) का हिस्सा है. यह टूल बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को मोबाइल नंबरों से जुड़ी वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाने और उसे रोकने में मदद करता है.

FRI सिस्टम कैसे काम करता है?

Financial Fraud Risk Indicator (FRI) मोबाइल नंबरों को तीन श्रेणियों मध्यम (Medium), उच्च (High) और बहुत उच्च (Very High) जोखिम में बांटता है. यह वर्गीकरण नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP), DoT के चक्षु प्लेटफॉर्म, और वित्तीय संस्थानों से मिली जानकारी के आधार पर किया जाता है.

इस वर्गीकरण से बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को जोखिम वाले नंबरों पर सतर्कता बरतने में मदद मिलती है. उदाहरण के लिए, वे ट्रांजैक्शन को रोक सकते हैं, देरी कर सकते हैं या यूजर्स को रियल-टाइम अलर्ट भेज सकते हैं.

20 मई को संचार मंत्रालय ने कहा, “यह टूल बैंकों, NBFCs, और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को उच्च जोखिम वाले मोबाइल नंबरों पर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई करने और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय करने में सशक्त बनाता है.”

मंत्रालय के अनुसार, डिजिटल धोखाधड़ी की बढ़ती जटिलता को देखते हुए यह कदम बहुत जरूरी है. धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबर आमतौर पर कुछ ही दिनों तक सक्रिय रहते हैं. इस वजह से शुरुआती चेतावनी संकेत बहुत महत्वपूर्ण हैं. DoT मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) भी साझा करता है, जिसमें साइबरक्राइम, असफल वेरिफिकेशन या उपयोग सीमा से अधिक होने के कारण डिस्कनेक्ट किए गए नंबर शामिल हैं. इनमें से कई नंबर वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े होते हैं.

प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म्स द्वारा शुरुआती उपयोग

PhonePe ने सबसे पहले Financial Fraud Risk Indicator (FRI) को अपने PhonePe Protect फीचर में लागू किया है. यह प्लेटफॉर्म अब “Very High” जोखिम वाले नंबरों से जुड़े ट्रांजैक्शन को ब्लॉक करता है और यूजर्स को स्क्रीन पर अलर्ट दिखाता है. “Medium” जोखिम वाले नंबरों के लिए, PhonePe ट्रांजैक्शन से पहले प्रोएक्टिव चेतावनी दिखाने पर काम कर रहा है.

मंत्रालय के अनुसार, “PhonePe द्वारा साझा किए गए डेटा से पता चलता है कि इस मॉडल की सटीकता बहुत अधिक है क्योंकि सॉफ्ट सिग्नल के रूप में चिह्नित नंबरों के साइबर धोखाधड़ी में शामिल होने की संभावना बहुत ज्यादा पाई गई है.”

Paytm और Google Pay जैसे अन्य प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म्स UPI ट्रांजैक्शन वॉल्यूम का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा संभालते हैं. अब ये भी DIP अलर्ट्स को अपने सिस्टम में लागू कर रहे हैं. कुछ प्लेटफॉर्म्स ने जोखिम वाले नंबरों के लिए ट्रांजैक्शन में देरी या अनिवार्य यूजर कन्फर्मेशन जैसे फीचर्स शुरू किए हैं. कई बैंक भी इस डेटा का उपयोग अपने फ्रॉड डिटेक्शन प्रोटोकॉल्स को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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