दिल्ली में चल रही थी नकली Samsung फोन बनाने की फैक्ट्री, दिखने में लगते थे एकदम प्रीमियम, 500 से ज्यादा मोबाइल जब्त

Updated on 24-Dec-2025

कई लोगों का सपना होता है Samsung का सबसे महंगा Galaxy Ultra या Fold फोन खरीदने का. लेकिन बजट कम होने की वजह से लोग अक्सर डिस्काउंट या ‘जुगाड़’ की तलाश में रहते हैं. अब पुलिस ने एक बड़ा भंडाफोड़ किया है. जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. लोकल फैक्ट्री में यहां सैमसंग के फ्लैगशिप फोन्स की हूबहू नकल (First Copy) तैयार की जा रही थी.

ये फोन दिखने में इतने असली लगते थे कि कोई एक्सपर्ट भी पहली नजर में धोखा खा जाते हैं. लेकिन अंदर से ये रद्दी थे. पुलिस ने वहां से 500 से ज्यादा नकली फोन्स बरामद किए हैं. सोचिए, जिस फोन को आप 1 लाख रुपये का समझकर 35 हजार में खरीदकर खुश हो रहे हैं, वो असल में आपकी जान और डेटा दोनों के लिए खतरा हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में एक बड़े पैमाने पर चल रहे नकली स्मार्टफोन ऑपरेशन का पर्दाफाश किया है. यह सिंडिकेट अवैध रूप से नकली सैमसंग गैलेक्सी डिवाइस को असेंबल कर रहा था और उन्हें भोले-भाले ग्राहकों को बेच रहा था. करोल बाग इलाके में की गई इस छापेमारी में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 500 से अधिक नकली गैलेक्सी स्मार्टफोन जब्त किए गए हैं. इसके साथ ही, पुलिस ने भारी मात्रा में टूल्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स भी बरामद किए हैं जिनका इस्तेमाल इन फर्जी फोन्स को बनाने में किया जाता था.

कैसे बनाए जा रहे थे ये ‘फर्जी’ गैलेक्सी फोन?

इस रैकेट का काम करने का तरीका बेहद शातिर था. जांच में पता चला है कि आरोपी फोन के मुख्य पुर्जे जैसे मदरबोर्ड, कैमरा मॉड्यूल, बैटरी और फोन के फ्रेम विदेशी आपूर्तिकर्ताओं, मुख्य रूप से चीन से मंगाते थे. इन हिस्सों को स्थानीय स्तर पर दिल्ली में ही असेंबल किया जाता था. अक्सर लागत कम करने के लिए, वे चीन से आए सस्ते पुर्जों को पुराने या खराब हो चुके फोन्स के साथ मिला देते थे.

इन पुर्जों को जोड़कर ऐसे फोन तैयार किए जाते थे जो दिखने में बिल्कुल असली सैमसंग डिवाइस जैसे लगते थे. उनकी स्क्रीन, बॉडी और लोगो की फिनिशिंग इतनी सटीक होती थी कि आम आदमी फर्क नहीं कर सकता था.

‘Made in Vietnam’ का खेल

इन ठगों को पता था कि भारतीय ग्राहक अब स्मार्ट हो गए हैं और वे फोन के पीछे लिखे टेक्स्ट को पढ़ते हैं. नकली फोन्स के नेचर को और अधिक छुपाने के लिए, गिरोह ने “Made in Vietnam” लेबल वाले नकली IMEI स्टिकर का इस्तेमाल किया.

गौरतलब है कि सैमसंग की अपनी बहुत बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट वियतनाम में है. इसलिए, जब ग्राहक फोन के पीछे “मेड इन वियतनाम” देखता था, तो उसे लगता था कि यह फोन वाकई में बाहर से इम्पोर्ट किया गया ओरिजिनल पीस है. उन्होंने नकली IMEI नंबर भी जेनरेट किए ताकि टेलीकॉम नेटवर्क के बेसिक चेक्स को बायपास किया जा सके और ग्राहकों को गुमराह किया जा सके.

लालच का खेल

भारत में ओरिजिनल Samsung Galaxy फ्लैगशिप फोन्स (जैसे S23 Ultra, S24 Ultra) आमतौर पर 75 हजार रुपये से ऊपर की कीमत पर बिकते हैं. ये ठग उसी फोन का नकली वर्जन लगभग 35,000 से 40,000 रुपये में बेच रहे थे. कीमत में इतनी भारी गिरावट ने उन खरीदारों को आकर्षित किया जो कम बजट में स्टेटस सिंबल वाला फोन चाहते थे. कई लोगों ने यह सोचकर फोन खरीदा कि उन्हें कोई “कस्टम सीज्ड माल” या “होलसेल डिस्काउंट” मिल रहा है.

छापेमारी में कई सामान बरामद

पुलिस की रेड के दौरान जो मिला, वह हैरान करने वाला था. अधिकारियों ने 512 तैयार नकली सैमसंग गैलेक्सी स्मार्टफोन बरामद किए. इसके अलावा सैकड़ों खुले हुए कंपोनेंट्स, नकली पैकेजिंग मैटेरियल्स, नकली वारंटी कार्ड्स और स्टिकर्स और असेंबली के लिए इस्तेमाल होने वाले औजार मिले.

मौके से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह सप्लाई चेन और कहां तक फैली है और क्या भारत के अन्य शहरों में भी इनका कोई नेटवर्क है. अधिकारियों को संदेह है कि इसी तरह के नकली फोन पहले से ही बाजार में घूम रहे हैं, जो अनौपचारिक खुदरा चैनलों और ऑनलाइन लिस्टिंग के माध्यम से बेचे गए हैं.

असली और नकली सैमसंग फोन में फर्क कैसे करें?

चूंकि बाजार में अभी भी ऐसे हजारों फोन हो सकते हैं, इसलिए एक जागरूक ग्राहक के रूप में आपको असली और नकली की पहचान आनी चाहिए.

डिस्प्ले क्वालिटी (The Display): सैमसंग अपने बेहतरीन AMOLED डिस्प्ले के लिए जाना जाता है. नकली फोन में अक्सर सस्ती LCD या खराब क्वालिटी की OLED स्क्रीन होती है. गौर से देखें, नकली फोन में स्क्रीन के नीचे का बॉर्डर असली फोन के मुकाबले काफी मोटा होता है.

कैमरा टेस्ट: फ्लैगशिप फोन्स में 3 या 4 कैमरे होते हैं और सब काम करते हैं. नकली फोन्स में अक्सर सिर्फ एक कैमरा काम करता है, बाकी के लेंस सिर्फ प्लास्टिक के डमी (Showpiece) होते हैं. ज़ूम करके देखें, नकली फोन के पिक्सल फट जाएंगे.

सॉफ्टवेयर लैग: नकली फोन देखने में तो सैमसंग जैसा लगता है, लेकिन जैसे ही आप उसे चलाएंगे, वह अटक-अटक कर चलेगा. उसमें असली Samsung One UI के फीचर्स (जैसे Samsung Pay, Samsung Pass) काम नहीं करेंगे.

IMEI चेक: फोन में *#06# डायल करें. जो नंबर आए, उसे सैमसंग की वेबसाइट या किसी IMEI चेकर साइट पर डालें. अगर वहां मॉडल नंबर अलग दिखता है या “Invalid” आता है, तो फोन नकली है.

सैमसंग अकाउंट: फोन की सेटिंग्स में जाकर Samsung Account में लॉग-इन करने की कोशिश करें. नकली फोन अक्सर सैमसंग के सर्वर से कनेक्ट नहीं हो पाते.

नकली फोन इस्तेमाल करने के खतरे

स्वास्थ्य जोखिम: इन फोन्स में घटिया बैटरी का इस्तेमाल होता है जो कभी भी फट सकती है. इसके अलावा, इनका रेडिएशन लेवल (SAR Value) चेक नहीं किया जाता, जो आपकी सेहत के लिए हानिकारक है.

डेटा चोरी: इन फोन्स में अक्सर पहले से ही मैलवेयर या स्पाईवेयर इंस्टॉल होता है जो आपके बैंक पासवर्ड और निजी फोटोज चुराकर चीन या अन्य देशों के सर्वर पर भेज सकता है.

कोई वारंटी नहीं: खराब होने पर सैमसंग सर्विस सेंटर इसे ठीक करने से मना कर देगा.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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