कुंभ मेला को लेकर स्टीव जॉब्स ने 1974 में लिखा था लेटर, नीलामी में करोड़ों में बिका, पत्नी पूरी कर रही अधूरी इच्छा!

Updated on 20-Jan-2025

Apple के को- फाउंडर Steve Jobs का 1974 का हाथ से लिखा एक लेटर 4.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है. इस लेटर में उन्होंने कुंभ मेले में जाने की अपनी योजनाओं के बारे में बताया था. इस लेटर को बोनहैम्स ने बेचा है. इसमें जॉब्स के बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को एड्रेस किया गया है. इसमें उन्होंने कुंभ मेले के लिए भारत की यात्रा करने की अपनी इच्छा को शेयर की है.

कुंभ मेला उस साल हरिद्वार में अप्रैल महीने में शुरू होने वाला था. लेटर के हिस्से में लिखा है-“मैं अब लॉस गेटोस और सांता क्रूज के बीच पहाड़ों में एक खेत में रह रहा हूं. मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू हो रहा है. मैं मार्च में कभी भी निकलने की प्लानिंग कर रहा हूं, हालांकि मैं अभी तक निश्चित नहीं हूं.”

युवावस्था में ही अध्यात्म के तरफ झुकाव

स्टीव जॉब्स के 19वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले लिखा गया 1974 का यह पत्र खासतौर पर उनकी आध्यात्मिक और इंट्रोस्पेक्टिव प्रकृति दिखाता है. पत्र में जॉब्स ने जैन-बुद्धिज्म पर अपने विचार रिफ्लेक्ट किए हैं और कुंभ मेले के लिए भारत जाने की इच्छा व्यक्त की है, जो अप्रैल में शुरू होने वाला था.

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अपने दोस्त ब्राउन के पत्र का विचारपूर्वक रिस्पांस देते हुए, जॉब्स ने अपने इमोशनल अनुभवों को शेयर किया है. इसमें कई बार रोने जैसी बातों का भी जिक्र है. हिंदू धर्म से प्रभावित होकर वे “शांति” की कामना के साथ पत्र को खत्म करते हैं. शांति लिखकर वह अपना साइन करते हैं. जॉब्स ने मूल रूप से उत्तराखंड में नीम करौली बाबा के आश्रम विजिट करने का इरादा किया था.

शुरुआत में नीम करौली बाबा से मिलने पहुंचे थे भारत

हालांकि, नैनीताल पहुंचने पर, उन्हें पता चला कि नीम करौली बाबा का पिछले साल निधन हो गया था. इसके बाद जॉब्स ने कैंची धाम आश्रम में रहने का फैसला किया, जहां नीम करौली बाबा की आध्यात्मिक शिक्षाओं से उन्हें काफी मजबूती मिली. उन्होंने भारत में सात महीने बिताए. इस दौरान वह भारत की संस्कृति और स्पिरिचुएलिटी में पूरी तरह से डूबे हुए थे.

आपको बता दें कि स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 में शामिल हुई हैं. उन्होंने इस कुंभ में शामिल होकर अपने पति की आखिरी इच्छा में से एक को पूरा किया है. एलर्जी होने के बाद भी वह कुंभ में रूककर परंपरा को पूरा कर रही है. उनके गुरु स्वामी कैलाशनंद गिरी ने उन्हें हिंदू नाम “कमला” दिया है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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