Apple और Android ग्राहकों को सरकार की चेतावनी, अभी कर लें ये काम, नहीं तो…

Updated on 04-Apr-2024
HIGHLIGHTS

Android और Apple Device के लिए सरकारी की एक एजेंसी CERT-In की ओर से चेतावनी जारी की गई है।

इस चेतावनी में ऐसा कहा गया है कि एंड्रॉयड और Apple के ऑपरेटिंग सिस्टम में कुछ खामियाँ हैं।

यह खामियाँ आपके निजी डेटा की पहुँच हैकर्स को दे सकती हैं, इसलिए आपको अभी ये काम कर लेना चाहिए।

भारत सरकार की साइबर सुरक्षा विंग, सीईआरटी-इन (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) इसे आसानी शब्दों में CERT-In भी कह सकते हैं, ने Google के एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे स्मार्टफोन को प्रभावित करने वाली खामियों के संबंध में गंभीरताभरी चेतावनी डि है। इसके अलावा इस विंग की ओर से साझा की गई डिटेल्स बताती हैं, कि एंड्रॉइड डिवाइसों के विभिन्न हार्डवेयर घटकों में समस्याओं के कारण कमजोरियां मौजूद हैं, जिनमें फ्रेमवर्क, सिस्टम, मीडियाटेक घटक, वाइडवाइन, क्वालकॉम घटक और क्वालकॉम आदि के कंपोनेन्टस को लेकर घटक शामिल हैं।

CERT-In की ओर से क्या कहा गया है?

सीईआरटी-इन का कहना है कि अगर अनपैच छोड़ दिया जाए, तो ये कमजोरियां दुर्भावनापूर्ण हैकर्स को संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने, विशेष विशेषाधिकार प्राप्त करने और सेवा से इनकार या डीओएस हमले का कारण बन सकती हैं। अगर आप इस बारे में कुछ नहीं जानते हैं तो बताते चलें कि एक DoS हमला जिसमें एक हैकर किसी मशीन या नेटवर्क को किसी भी ग्राहक के लिए अस्थायी रूप से इनएक्सेसेबल बना देता है।

इस समस्या से कौन प्रभावित हो सकता है?

इसे वह लोग प्रभावित हो सकते हैं जो एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, इसके अलावा उनका यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 12, 12L, 13 और 14 पर अपने फोन को चलाते हैं। इसका मतलब है कि इस लिस्ट में गूगल का लेटेस्ट एंड्रॉयड वर्जन भी है।

Android Users

एंड्रॉयड यूजर्स क्या कर सकते हैं?

आपको जानकारी के लिए बता देते है कि इस समस्या के समाधान के लिए Google की ओर से पहले ही एक पैच को इशू कर दिया गया है। इसके अलावा समसूनग की ओर से इस सिक्युरिटी पैच को ग्राहकों के लिए जारी भी कर दिया है। अब अगर आप Pixel या Samsung के ग्राहक हैं तो आप इस नए अपडेट को अपने फोन में डालकर अपने डिवाइस की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

हालांकि अन्य स्मार्टफोन ब्रांडस की ओर से अभी कोई एंड्रॉयड अपडेट जारी नहीं किया है। लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में यह अपडेट सभी को मिल जाए।

केवल एंड्रॉयड ही नहीं, Apple Device भी हैं लिस्ट में

एक अलग पोस्ट में, CERT-In ने iPhones, iPads, PCs और यहां तक कि Apple Vision Pro सहित कई Apple डिवाइसेस में कमजोरियों के प्रति भी चेतावनी दी है। CERT-In का कहना है कि Apple डिवाइसेस में इस समस्या, हैकर को लक्षित सिस्टम पर ‘मनमाना कोड डालने’ दे सकती है। सरल शब्दों में, हैकर्स इस दोष का उपयोग आपके ऐप्पल डिवाइस पर अपना कोड चलाने के लिए कर सकते हैं और मूल रूप से कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि आपके निजी डेटा तक भी एक्सेस कर सकते हैं। इसका साफ मतलब है कि यह Vulnerability आपके एंड्रॉयड और Apple डिवाइस को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के साथ ही आपकी जानकारी को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

इस Vulnerability से कौन प्रभावित होने वाला है?

आपको जानकारी के लिए बता देते है कि एंड्रॉयड डिवाइसेस के साथ ही Apple डिवाइस की इसके शिकार हो रहे हैं, इसी कारण आपको ज्यादा सतर्क हो जाने की जरूरत है। इस लिस्ट में Apple PC भी हैं, जो सफारी के 17.4.1 वर्जन या इसके आसपास के वर्जन पर इसे चलाते हैं।

Apple iOS, iPadOS users get high risk warning from CERT-In


इसके अलावा लिस्ट में macOS भी है। यह Monetery version 13.6.6 या उसके आसपास के वर्जन पर चलते हैं। लिस्ट में macOS Ventura भी है, यह 14.1.1 और VisionOS के 1.1.1 वर्जन को भी प्रभावित करने वाली समस्या है।

इसके अलावा इस लिस्ट में iOS और iPadOS वर्जन 17.4.1 पर चलने वाले डिवाइस भी हैं। इसके अलावा iOS और iPadOS के 16.7.7 वर्जन पर चलने वाले डिवाइस भी हैं।

इन सभी डिवाइस पर आपको कंपनी की ओर से जारी किया गया नया अपडेट डाउनलोड कर लेना चाहिए, जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको निजी जानकारी किसी के भी हाथ लग सकती है। हालांकि अगर आप इस नए अपडेट को अपने Apple Device पर डाउनलोड कर लेते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं आने वाली है।

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life.

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