विजय सेतुपति की ये साइको थ्रिलर देख भूल जाएंगे महाराजा, कूट-कूट कर भरा है सस्पेंस, इस ओटीटी पर मौजूद

Updated on 09-Dec-2025

हर फिल्म दर्शकों के सामने अपनी एक अलग पहचान लेकर आती है. कुछ कहानियां रिलीज़ के साथ ही दर्शकों के दिलों में जगह बना लेती हैं, जबकि कुछ को सराहना मिलने में वक्त लगता है. सिनेमा सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह समाज की सोच, डर, भावनाओं और सच्चाइयों को भी सामने लाता है. जब दर्शक यह जान पाते हैं कि फिल्म कैसे बनी, किस उद्देश्य से बनाई गई और उसमें कौन-कौन शामिल है, तो उनका जुड़ाव और भी मजबूत हो जाता है.

2017 में आई साइको थ्रिलर

तमिल साइको थ्रिलर पुरियाथा पुथिर भी ऐसी ही एक फिल्म है, जो 1 सितंबर 2017 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी. यह फिल्म निर्देशक रंजीत जयरकोडी के करियर की पहली निर्देशित फिल्म थी. मुख्य भूमिका में विजय सेतुपति नजर आए, जबकि गायत्री और महिमा नाम्बियार ने अहम किरदार निभाए. फिल्म का म्यूजिक सैम सी. एस. ने तैयार किया था और सिनेमैटोग्राफी की जिम्मेदारी दीनिश बी. कृष्णन ने संभाली थी. रहस्य और मनोवैज्ञानिक तनाव से भरपूर यह फिल्म दर्शकों को शुरू से अंत तक बांधे रखने की कोशिश करती है.

क्या है कहानी

कहानी एक आम इंसान की जिंदगी में अचानक घटने वाली अजीब और डरावनी घटनाओं पर केंद्रित है. फिल्म की शुरुआत ही दर्शकों को चौंका देती है, जब एक लड़की किसी ऊंची इमारत की छत पर खड़े होकर फोन पर किसी से बात करती है. वह माफी मांगती है, लेकिन जब बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता, तो वह नीचे कूदकर आत्महत्या कर लेती है. शुरुआती कुछ मिनटों में ही यह सीन कहानी की गंभीरता और रहस्य का संकेत दे देता है.

इसके बाद कहानी में एंट्री होती है कथिर की, जिसे विजय सेतुपति ने निभाया है. उसकी नजर मीरा पर पड़ती है, जिसका किरदार गायत्री ने निभाया है. पहली ही मुलाकात में कथिर उसकी ओर आकर्षित हो जाता है. धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती है और यह रिश्ता प्यार में बदल जाता है. एक खुशहाल रिश्ता दर्शकों के सामने होता है, लेकिन यह सुकून ज्यादा देर तक नहीं टिकता.

फिल्म में असली मोड़ तब आता है, जब कथिर के हाथ मीरा से जुड़े कुछ प्राइवेट फोटो और वीडियो लगते हैं. वह इस बात से परेशान हो जाता है कि ये रिकॉर्डिंग्स किसने और कैसे बनाई. इसी के साथ ब्लैकमेलिंग का डरावना खेल शुरू हो जाता है. फिल्म का मूल विषय महिलाओं के साथ होने वाली डिजिटल ब्लैकमेलिंग और प्राइवेट कंटेंट के गलत इस्तेमाल पर आधारित है. कहानी धीरे-धीरे इस सवाल की ओर बढ़ती है कि इन घिनौनी हरकतों के पीछे आखिर कौन है.

कहां देखें

इस रहस्य से पर्दा फिल्म देखने के बाद ही उठता है. अगर यह कहानी आपको दिलचस्प लगती है, तो आप इसे यूट्यूब और प्राइम वीडियो पर इसके हिंदी वर्जन में देख सकते हैं. बॉक्स ऑफिस पर भले ही यह फिल्म बड़ी कमाई नहीं कर पाई, लेकिन अपनी संवेदनशील और अलग तरह की कहानी की वजह से इसे एक खास वर्ग के दर्शकों ने सराहा. फिल्म का बजट लगभग 6 से 7 करोड़ रुपये था और इसकी कुल कमाई करीब 10 करोड़ रुपये तक पहुंची थी.

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Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं।

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