आजकल ज्यादातर फिल्मों में वही दोहराए हुए प्लॉट, एक जैसे एक्शन और प्रेडिक्टेबल एंडिंग देखने को मिलती है, लेकिन अगर आप कुछ अलग, गहराई भरा और हॉलीवुड लेवल विजुअल्स वाला अनुभव चाहते हैं, तो साउथ की ये नई फिल्म Tribanadhari Barbarik आपके होश उड़ा देगी। यह फिल्म अपने शानदार कॉन्सेप्ट, दिमाग हिला देने वाले क्लाइमैक्स को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है।
Tribanadhari Barbarik एक ऐसी कहानी है जो प्राचीन काल के अजेय योद्धा ‘बार्बरिक’ को आधुनिक दुनिया में जागते हुए दिखाती है। एक ऐसी दुनिया, जहां युद्ध अब तलवारों से नहीं, बल्कि लालच, सत्ता और इंसानियत के पतन से लड़े जाते हैं। यही दुविधा इस फिल्म को साधारण से असाधारण बना देती है।
निर्देशक मोहन श्रीवत्स ने कहानी को बेहद बारीकी और भावनाओं के साथ पिरोया है। फिल्म की शुरुआत शांत और रहस्यमय है, जो बार्बरिक की सोच और शक्ति से परिचय कराती है। लेकिन जैसे ही कहानी दूसरे हाफ में पहुंचती है, फिल्म की रफ्तार आसमान छू लेती है। लगातार आने वाले ट्विस्ट्स, इमोशनल मोमेंट्स और जबरदस्त एक्शन सीक्वेंसेज़ दर्शकों को सीट से हिलने नहीं देते। सिनेमेटोग्राफी इतनी खूबसूरत है कि हर फ्रेम किसी कलाकृति जैसा लगता है, और म्यूज़िक हर सीन के साथ एक भावनात्मक गहराई जोड़ देता है।
दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने इस फिल्म की जमकर तारीफ की है। कई लोगों का कहना है कि Tribanadhari Barbarik सिर्फ एक मूवी नहीं, बल्कि एक अनुभव है, जो दिल-दिमाग पर गहरा असर छोड़ती है। इसका क्लाइमैक्स आपके समझ से परे है, हालांकि फिल्म आपके रोंगटे खड़े देने वाली है। इस फिल्म में देखा जा सकता है कि अगर कोई प्राचीन योद्धा इस युग में किसी भी कारण से आ जाए तो वह इस चीज के लिए लड़ने वाला है। क्या वह इंसानियत के लिए लड़ने वाला है, या वह ताकत के लिए लड़ेगा।
फिल्म में VTV गणेश, कार्तिकेय, क्रांति किरण, मेघना, प्रभावती, सांची राय, सत्य राज, मोत्ता राजेन्द्रण, सत्यम राजेश, MD. Shinha Sarder (Shinha), Vasishta N. Simha और Udayabhanu जैसे कलाकार नजर आते हैं।
29 अगस्त 2025 को रिलीज़ हुई यह फिल्म अब Amazon Prime Video पर उपलब्ध है। तेलुगु भाषा में बनी इस फिल्म का रन टाइम 1 घंटा 48 मिनट है और IMDb पर इसे शानदार 7.1 रेटिंग मिली है।
अगर आप पौराणिक कथाओं को आधुनिक समाज के आईने में देखना चाहते हैं, तो Tribanadhari Barbarik आपके लिए परफेक्ट फिल्म है। इसमें सिर्फ लड़ाइयाँ नहीं, बल्कि आत्मा और नैतिकता की जंग दिखाई गई है। यह फिल्म आपको यह सोचने पर मजबूर करती है कि असली शक्ति शरीर की नहीं, बल्कि इंसानियत की होती है। Tribanadhari Barbarik वाकई साउथ सिनेमा की उस रचनात्मक ऊंचाई को दिखाती है, जो हॉलीवुड को भी टक्कर देती है और इसे मिस करना किसी फिल्म प्रेमी के लिए सच में अफसोस की बात होगी।