एक ऐसे दौर में जहां एक्शन और मर्डर सीरीज सबसे ज्यादा देखी जा रही हैं, कई फैमिली ड्रामा जैसे पंचायत और गुल्लक ने दर्शकों के लिए दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई है। लेकिन इन शोज़ के सुर्खियों में आने से भी पहले, लगभग 40 साल पुराना एक शो था जो परिवार और घरेलू कहानी पर आधारित था जिसने भारतीय दर्शकों को जीता था, वो भी OTT की दुनिया की शुरुआत से पहले।
इस शो की एक छोटी कहानी के पीछे एक बड़ा सबक छिपा है, जो न केवल युवा दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया, बल्कि उनके माता-पिता ने भी इसकी ऑथेंटिक और सिम्पल स्टोरीलाइन के लिए इसकी सराहना की। इसके अलावा, एक ऐसे दौर में जहां कभी न खत्म होने वाले डेली सोप ने अपना दबदबा बना लिया था, इस 50 एपिसोड वाले TV शो को न केवल टेलीविज़न देखने वाले दर्शकों ने बेहद पसंद किया, बल्कि इसे 80 के दशक में एक टेलीविज़न शो के लिए सबसे ज्यादा IMDb रेटिंग भी मिली।
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यह शो टेलीविज़न पर पहली बार 1986 में आया था और उस जमाने में भी इसने लोगों के दिलों पर राज किया। इस शो की कहानियां भारत की मिट्टी से जुड़ी थीं, भावनाओं से भरी थीं और उन्हें इतनी सादगी से दिखाया गया कि हर उम्र के दर्शक इससे जुड़ गए। शुरुआती दिनों में इस शो को बहुत कम संसाधनों के साथ बनाया गया था, लेकिन फिर भी इसके कॉन्टेन्ट ने कमाल कर दिया।
जिस शो के बारे में हम बात कर रहे हैं उसका नाम “Malgudi Days” है। यह शो RK नारायण की कहानियों पर आधारित था और इसका निर्देशन शंकर नाग ने किया था। इसके पहले तीन सीज़नों को उन्होंने अकेले डायरेक्ट किया था और चौथा सीजन उन्होंने और कविता लंकेश ने एक साथ मिलकर डायरेक्ट किया।
इस शो के सबसे यादगार किरदार की बात करें तो वो थे स्वामी, जिनकी भूमिका मास्टर मजनूनाथ ने निभाई थी। इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि कर्नाटक में अरसालु रेलवे स्टेशन नाम बदलकर ‘मालगुड़ी रेलवे स्टेशन’ रख दिया गया था। इस शो की IMDb पर रेटिंग 9.4 है, जो आज की सबसे पॉपुलर वेब सीरीज से भी ज्यादा है। इस शो को आप अब ओटीटी प्लेटफॉर्म Amazon Prime Video पर देख सकते हैं।
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