आज हम आपको एक ऐसी साउथ फिल्म के बारे में बता रहे हैं जिसमें न सिर्फ मिस्ट्री और थ्रिलर का जोरदार तालमेल है, बल्कि यह दिखाती है कि रिश्तों, जिम्मेदारियों और रोज़मर्रा की जिंदगी में लिए गए छोटे फैसलों का असर अक्सर कैसे बहुत बड़ा जाता है. इमोशन और सस्पेंस का यह बैलेंस दर्शकों को न सिर्फ कहानी में डुबो देता है, बल्कि अंत तक सोचने पर मजबूर करता है. यही कारण है कि यह फिल्म आपके दिल और दिमाग में लंबे समय तक बनी रहती है.
दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में न कोई बड़े पैमाने का खून-खराबा है, न कोर्टरूम में लंबी बहस, बल्कि यहां साधारण से दिखने वाले फैसलों के असर को इतनी गहराई से दिखाया गया है कि कहानी धीरे-धीरे दिल में उतर जाती है. यही वजह है कि फिल्म को IMDb पर 8.7 की बेहतरीन रेटिंग भी मिली है.
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फिल्म का नाम है ‘सूथ्रवाक्यम’, और इसका सबसे खास पहलू है इसका अनोखा प्लॉट. फिल्म में एक पुलिस स्टेशन को बच्चों के ट्यूशन सेंटर में तब्दील कर देना, और इसी सेटअप से कहानी में जन्म लेता है एक दिलचस्प सस्पेंस. फिल्म में तनाव धीरे-धीरे बढ़ता है, छोटे-छोटे फैसले बड़े नतीजे लेकर आते हैं, और दोनों मुख्य किरदारों के बीच की चुप्पी के बीच छिपा टकराव दर्शकों को लगातार स्क्रीन से जोड़े रखता है.
मुख्य भूमिकाओं में शाइन टॉम चाको और विंसी अलोशियस हैं. शाइन टॉम चाको का संयम और गहराई से भरा अभिनय किरदार को असली रंग देता है, जबकि विंसी अलोशियस की दमदार स्क्रीन प्रेजेंस कहानी को मजबूती देती है. इन दोनों के बीच के बातचीत कम हैं, लेकिन खामोशी में भी भावनाओं और टकराव का भार साफ महसूस होता है.
फिल्म के लेखक और निर्देशक रेजिन एस बाबु ने स्क्रिप्ट को बेहद बारीकी से गढ़ा है. यहां साधारण-सी बातचीत में भी किरदारों की अंदर की भावनाएं उजागर होती हैं. असली कस्बाई लोकेशंस, परिवार और काम के बीच संतुलन बनाने की जद्दोजहद, और हर किरदार की व्यक्तिगत परतें इस कहानी को और भी रियलिस्टिक बना देती हैं. इस फिल्म को आप Amazon Prime Video पर हिंदी में देख सकते हैं.