कहते हैं, कुछ कहानियाँ लिखी नहीं जातीं, बस महसूस की जाती हैं। ‘मोहल्ले वाला प्यार (Mohalle Wala Pyaar) ऐसी ही एक प्यारी, सादगीभरी और दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो नज़रों के इशारों और अनकहे एहसासों से बुनी गई है। यह कहानी हमें उस पुराने मोहल्ले की गलियों में ले जाती है जहाँ छतों पर सजे दीयों की रोशनी में दिलों की धड़कनें भी साथ जगमगाती हैं।
Rusk Media द्वारा निर्मित और श्रद्धा पासी जैराथ के निर्देशन में बनी यह पाँच एपिसोड की शॉर्ट सीरीज़ अपने हर फ्रेम में पुरानी यादों की गर्माहट समेटे हुए है। इसमें मुग्धा अग्रवाल, धवल ठाकुर, और रोहित चौधरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। प्रत्येक एपिसोड लगभग 10–12 मिनट का है और इसे Alright App और Alright के YouTube चैनल पर देखा जा सकता है।
यह कहानी हर्षिल और अनामिका की है, जो बचपन के दोस्त, पड़ोसी और शायद एक-दूसरे के लिए कुछ और ही हैं। दोनों के बीच ज़्यादा बातें नहीं होतीं, लेकिन उनकी आँखें बहुत कुछ कह जाती हैं। हर दिवाली पर हर्षिल ठान लेता है कि इस बार वह अपने दिल की बात कह देगा, लेकिन हर बार उसकी हिचकिचाहट उसे रोक लेती है। फिर कहानी में आता है विशाल, और हर्षिल के दिल में पहली बार प्यार के साथ डर और बेचैनी का तूफान उठता है। वही मोहल्ला, वही रोशनी, लेकिन इस बार दीपों की चमक में एक नई कहानी जन्म लेती है।
श्रद्धा पासी जैराथ का निर्देशन इस सीरीज़ की आत्मा है। उनका ट्रीटमेंट कहानी को बहते हुए एहसास की तरह प्रस्तुत करता है, जैसे पुरानी यादें धीरे-धीरे दिल में उतरती हैं। डायलॉग बेहद सादे हैं, लेकिन दिल को छू लेने वाले। सिनेमैटोग्राफी में पुराने मोहल्ले की छतें, त्योहार की रोशनी और मासूम निगाहें इतनी खूबसूरती से कैद की गई हैं कि हर फ्रेम एक चित्र की तरह लगता है।
‘मोहल्ले वाला प्यार’ सिर्फ़ एक लव स्टोरी नहीं, बल्कि एक एहसास है, वो अनकहा रिश्ता जो ज़ुबान पर नहीं आता, लेकिन दिल में गहराई तक बस जाता है। इसमें सादगी, ताज़गी, और जेन ज़ी की मासूमियत तीनों का परफेक्ट मेल है। चाहे आप कॉलेज स्टूडेंट हों या पुराने मोहल्ले की यादों में खोए किसी रेट्रो-लवर, यह सीरीज़ आपको अपने साथ ज़रूर जोड़ लेने वाली है।