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साउथ इंडियन फिल्में हमेशा से ही अपनी कहानी और दमदार निर्देशन के लिए मशहूर रही हैं। खासकर जब बात थ्रिलर फिल्मों की आती है, तो ये फिल्में दर्शकों को रोमांच, रहस्य और एक्शन का ऐसा तड़का देती हैं कि आप एक बार बैठ गए, तो उठने का मन ही नहीं करेगा। इन फिल्मों में न सिर्फ मजबूत कहानियां होती हैं, बल्कि हर सीन में कुछ ऐसा ट्विस्ट होता है, जो आपको हैरान कर देगा।
अगर आप साउथ इंडियन सिनेमा के फैन हैं और सस्पेंस थ्रिलर का मजा लेना चाहते हैं, तो यहां हम आपके लिए 5 बेहतरीन फिल्में लेकर आए हैं, जिन्हें आप यूट्यूब पर मुफ्त में देख सकते हैं।
अगर आपको क्राइम और साइकोलॉजिकल थ्रिलर पसंद है, तो इलेवन जरूर देखें। इस फिल्म में नवीन चंद्रा और रेया हरी मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि अभिरामी और दिलिपन सपोर्टिंग रोल में नजर आते हैं। कहानी एक डिटेक्टिव अरविंद के इर्द-गिर्द घूमती है, जो जुड़वां बच्चों की रहस्यमयी हत्याओं की जांच कर रहा होता है। लेकिन यहां ट्विस्ट यह है कि कातिल बेंजामिन, केवल हत्या नहीं करता, बल्कि जुड़वां भाई-बहनों में से एक को अपने ही सिब्लिंग की हत्या करने के लिए उकसाता है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, अरविंद को ऐसे रहस्य पता चलते हैं, जो बेंजामिन के दर्दनाक बचपन से जुड़े होते हैं। फिल्म का हर सीन आपको सोचने पर मजबूर कर देगा और क्लाइमैक्मेस तक आपकी धड़कनें तेज बनी रहेंगी।
यह फिल्म एक इमोशनल और सस्पेंस से भरी मिस्ट्री है। कहानी है आनंद (अर्जुन अशोकन) की, जिसका सपना पुलिस ऑफिसर बनने का है। उसकी मां श्रीबाला, जो खुद भी कॉन्स्टेबल थीं, की मौत का सदमा आनंद के दिल में गहराई से बैठा हुआ है। वह कभी-कभी अपनी मां को भ्रम (हैलुसिनेशन) में देखता है। आनंद की गर्लफ्रेंड का नाम भी श्रीबाला (अपर्णा दास) है, जो एक पत्रकार है।
वह एक कॉलेज छात्रा मेरिन जॉय के केस की जांच करती है, जिसकी मौत को पुलिस ने सुसाइड करार दिया है। लेकिन आनंद और उसकी गर्लफ्रेंड को सबूत मिलते हैं कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। इसके बाद दोनों मिलकर सिस्टम की कमियों को उजागर करने और मेरिन को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते हैं।
अगर आप रियलिस्टिक और हार्ड-हिटिंग फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो विसारनाई आपके लिए परफेक्ट है। यह कहानी चार दोस्तों, पांडी, मुरुगन, अफसाल और कुमार की है, जो तमिलनाडु से आंध्र प्रदेश काम की तलाश में आते हैं। एक दिन, बिना किसी सबूत के, उन्हें चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बाद शुरू होती है पुलिस की क्रूरता और झूठे आरोपों की दर्दनाक कहानी।
उन्हें कई दिनों तक हिरासत में रखकर टॉर्चर किया जाता है, ताकि वे ऐसा जुर्म कबूल करें, जो उन्होंने किया ही नहीं। यह फिल्म एम. चंद्रकुमार के उपन्यास Lock Up पर आधारित है और यह सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। देखते-देखते आपको गुस्सा, दुख और असहायता का एहसास होगा।
अगर आप रिवेंज ड्रामा और एक्शन थ्रिलर के फैन हैं, तो येवादु को बिल्कुल मिस न करें। फिल्म में अल्लू अर्जुन, राम चरण और श्रुति हासन जैसे बड़े स्टार्स हैं। कहानी सत्य (अल्लू अर्जुन) और दीप्ति (श्रुति हासन) की है, जो एक-दूसरे से गहरा प्यार करते हैं। लेकिन एक दिन वीरू भाई, एक खतरनाक गैंगस्टर, दीप्ति की हत्या कर देता है और सत्य को जिंदा बस में जला देता है।
सत्य चमत्कारिक रूप से बच जाता है, लेकिन उसका चेहरा बुरी तरह जल जाता है। डॉक्टर उसकी जान बचाने के लिए अपने मृत बेटे चरन (राम चरण) का चेहरा ट्रांसप्लांट कर देती है। इसके बाद सत्य, जो अब चरन के चेहरे के साथ जी रहा है, बदले की आग में जलता है, लेकिन जल्दी ही उसे पता चलता है कि चरन के भी दुश्मन हैं और अब उसे दोहरी लड़ाई लड़नी होगी।
बेंगलुरु शहर में लगातार किडनैपिंग और मर्डर की घटनाएं हो रही हैं। कातिल खुद को रुद्र (अनुराग कश्यप) कहता है और पुलिस को ताने मारते हुए संदेश भेजता है। रुद्र को सालों पहले मरा हुआ मान लिया गया था, लेकिन अब वह और भी खतरनाक होकर लौटा है। सीबीआई ऑफिसर अंजलि (नयनतारा) इस केस को सुलझाने की जिम्मेदारी लेती है।
इस दौरान अंजलि का भाई अरजुन भी अनजाने में इस केस की गुत्थी में फंस जाता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, सामने आते हैं रुद्र की असली पहचान, अंजलि के निजी राज, और ऐसे ट्विस्ट जो दर्शकों को आखिरी पल तक स्क्रीन से बांधे रखते हैं।