आज हम इसी साल रिलीज हुई मिडसाउथ की एक कोर्टरूम ड्रामा फिल्म के बारे में बता रहे हैं. यह केवल एक कानूनी कहानी नहीं है, बल्कि यह एक मां के दर्द, उसकी पीड़ा और न्याय के लिए उसके संघर्ष को गहराई से उजागर करती है. यह फिल्म उस महिला की इमोशनल जर्नी को सामने लाती है, जो अपनी मासूम बेटी के साथ हुए घिनौने अपराध के बाद कानून पर से भरोसा खो बैठती है और आखिरकार खुद न्याय करने का कदम उठाती है. आज हम आपको इस फिल्म की पूरी कहानी, इसके कलाकारों के शानदार अभिनय और इसकी उपलब्धता के बारे में बताएंगे.
कहानी निवेदिता नाम की महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी सात साल की बेटी के साथ एक घिनौना अपराध घटित होता है. वह न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाती है, लेकिन जब सिस्टम से उसे कोई सहारा नहीं मिलता, तो वह खुद कार्रवाई करने का फैसला करती है और खुलेआम अपराधी को गोली मार देती है. इसके बाद उस पर मुकदमा चलता है, और उसका केस भरत हनुमंत नाम का वकील लड़ता है. कोर्टरूम के अंदर और बाहर उठते सवाल और भावनात्मक तूफ़ान इस फिल्म को गहराई से जोड़ते हैं.
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यहां हम बात कर रहे हैं ‘युद्धकांड चैप्टर-2’ की, जिसमें अर्चना जोइस ने एक टूटी हुई मां के किरदार में अपनी दिल दहला देने वाली परफॉर्मेंस दी है. उनकी आंखों का दर्द और डायलॉग्स की सादगी दर्शकों के दिल में उतर जाती है. कृष्णा अजय राव ने एक दृढ़, संवेदनशील और शांत वकील के रूप में बेहतरीन एक्टिंग की है. वहीं प्रकाश बेलावाड़ी ने सीनियर वकील की भूमिका में अनुभव और गंभीरता दिखाई है.
‘युद्धकांड चैप्टर-2’ को IMDb पर 6.9 की रेटिंग मिली है. समीक्षकों और दर्शकों का मानना है कि यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि इंसाफ, कानून और नैतिकता पर गहरी सोच पैदा करती है. एक मां की तकलीफ, समाज की चुप्पी और न्याय व्यवस्था की खामियों को जिस संवेदनशीलता से दिखाया गया है, वह दर्शकों को अंदर तक झकझोर देती है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इस फिल्म का प्रीमियर 20 जून 2025 को हुआ था. फिलहाल यह अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है, जहां आप इसे हिंदी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू और मलयालम भाषाओं में देख सकते हैं.
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