सावधान! अगर इस एंड्रॉयड फोन से करते हैं चैटिंग, तो बॉस पढ़ सकते हैं आपके सारे मैसेज, Google के नए अपडेट पर बवाल!

Updated on 05-Dec-2025

अगर आप भी ऑफिस का दिया हुआ Android फोन या Pixel Phone इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है. हम अक्सर सोचते हैं कि Google Messages पर हमारी बातें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की वजह से पूरी तरह सुरक्षित हैं और बॉस की नजरों से दूर हैं. लेकिन Google का एक नया अपडेट इस भरोसे को तोड़ने वाला है.

कंपनी एक ऐसा फीचर लाई है जिससे आपके बॉस या कंपनी की IT टीम आपके मैसेज पढ़ सकती है, और उन्हें आर्काइव (सेव) भी कर सकती है. इसे ‘कंप्लायंस’ का नाम दिया जा रहा है, लेकिन कई लोग इसे सीधी ‘जासूसी’ मान रहे हैं. आइए जानते हैं क्या इस नए अपडेट के बाद आपका पर्सनल फोन भी इसकी जद में है?

क्या है Google का यह नया ‘स्नूपिंग’ अपडेट?

आपको बता दें कि Google ने एक नया फीचर पेश किया है जिसे “Android RCS Archival” कहा जा रहा है. यह फीचर विशेष रूप से Pixel फोन्स या उन Android डिवाइसेज के लिए है जो ‘एंटरप्राइज डिवाइस’ (ऑफिस के काम के लिए रजिस्टर) के रूप में सेट किए गए हैं.

इस अपडेट के बाद, आपकी कंपनी की IT टीम आपके Google Messages ऐप पर भेजे गए या प्राप्त किए गए सभी मैसेज, चैट और यहां तक कि मीडिया फाइल्स को भी ऑटोमैटिकली आर्काइव (सेव) कर सकती है. इसका मतलब है कि आपके मैसेज डिलीट करने के बाद भी कंपनी के पास उनका रिकॉर्ड हो सकता है.

क्या आपके पर्सनल फोन पर भी है खतरा?

राहत की बात यह है कि आपका पर्सनल फोन इस सेटअप का हिस्सा नहीं है. यह नियम केवल उन डिवाइसेज पर लागू होता है जो पूरी तरह से कंपनी द्वारा प्रबंधित (मैनेज्ड डिवाइस) हैं. यदि आप अपने पर्सनल फोन पर वर्क प्रोफाइल का उपयोग करते हैं, तो भी आपके पर्सनल मैसेज सुरक्षित रहने चाहिए, क्योंकि यह फीचर मुख्य रूप से मैनेज्ड डिवाइसेज के लिए है.

एन्क्रिप्शन का क्या हुआ?

अब आप सोच रहे होंगे कि RCS और Google Messages तो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं, तो फिर कोई और इन्हें कैसे पढ़ सकता है? Google ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. एन्क्रिप्शन तब तक काम करता है जब तक मैसेज एक फोन से दूसरे फोन तक जा रहा होता है (transit में). लेकिन जैसे ही मैसेज आपके ऑफिस वाले फोन पर पहुंचता है, यह डिक्रिप्ट हो जाता है. यह नया फीचर इसी प्वॉइंट पर काम करता है, मैसेज के डिवाइस पर पहुंचते ही उसे आर्काइव कर लिया जाता है.

क्यों लाया गया यह फीचर?

Google का कहना है कि वित्त (Finance) और स्वास्थ्य सेवा जैसे कुछ क्षेत्रों में व्यवसायों को कानूनी और कंप्लायंस (नियमों के पालन) कारणों से अपने कर्मचारियों के संचार को रिकॉर्ड करने की आवश्यकता होती है. यह अपडेट उन्हें इन कानूनी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. कंपनी का कहना है कि थर्ड-पार्टी ऐप्स भी अपने चैट आर्काइवल को Google Messages ऐप के माध्यम से लिंक कर सकते हैं.

हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यह ‘जासूसी’ का एक और तरीका है. यह कदम लोगों को ऑफिस द्वारा जारी किए गए डिवाइस को लेने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर देगा. प्राइवेसी इस अपडेट के केंद्र में है और कंपनी को इसके एकीकरण के बारे में नियामक सवालों का सामना करना पड़ सकता है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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