साल 2025 अब विदा ले रहा है, लेकिन जाते-जाते यह हमें एक कड़वी सच्चाई भी याद दिला रहा है. पिछले कुछ सालों की तरह, 2025 में भी भारत में ऑनलाइन स्कैम्स (Online Scams) की बाढ़ सी आ गई. लाखों लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई गंवाई और ‘डिजिटल फ्रॉड’ एक बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है.
स्कैमर्स ने नए-नए तरीके अपनाए, कभी AI की मदद ली तो कभी लालच का जाल बिछा कर लोगों को फंसाया. हमने इस साल भारतीयों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले 6 सबसे बड़े स्कैम्स की लिस्ट तैयार की है, ताकि आप और आपका परिवार आने वाले साल में सुरक्षित रह सकें. आइए जानते हैं इनके बारे में.
यह इस साल का सबसे कॉमन स्कैम रहा है. इसमें ठग लोगों के लालच का फायदा उठाते हैं. इस स्कैम में स्कैमर्स आपको WhatsApp या Telegram पर संपर्क करते हैं. वे आपको किसी ‘इन्वेस्टमेंट स्कीम’ या ‘बेटिंग ऐप’ (सट्टेबाजी ऐप) के बारे में बताते हैं जो कम समय में भारी मुनाफे का वादा करते हैं.
शुरू में, वे आपसे छोटी रकम इन्वेस्ट करवाते हैं और आपको थोड़ा मुनाफा वापस भी कर देते हैं. इससे आपका भरोसा बन जाता है. जैसे ही आप बड़ा अमाउंट (लाखों में) इन्वेस्ट करते हैं, वे पैसे लेकर गायब हो जाते हैं और आपको ब्लॉक कर देते हैं.
नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को निशाना बनाना स्कैमर्स का पसंदीदा तरीका है. इसमें आपको घर बैठे आसान काम (जैसे वीडियो लाइक करना या रेटिंग देना) और मोटी सैलरी का ऑफर दिया जाता है. काम शुरू करने से पहले वे आपसे ‘रजिस्ट्रेशन फीस’ या ट्रेनिंग के नाम पर पैसे मांगते हैं. या फिर आपकी पर्सनल डीटेल्स ले लेते हैं. पैसे देने के बाद न तो जॉब मिलती है और न ही ठगों का कोई पता चलता है.
सोचिए आपको ऑफिस के किसी सीनियर या बॉस का कॉल आए और वो आपसे अर्जेंट मदद मांगे. स्कैमर्स आपकी कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट या कलीग (Colleague) बनकर कॉल या मैसेज करते हैं. उनकी डीपी (DP) और बात करने का तरीका बिल्कुल असली लगता है.
वे ‘इमरजेंसी’ का बहाना बनाकर आपसे तुरंत पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं या फिर कोई OTP जैसी संवेदनशील जानकारी मांग लेते हैं. हमेशा याद रखें, बिना वेरीफाई किए बॉस को भी पैसे न भेजें.
यह 2025 का सबसे हाई-टेक और डरावना स्कैम है. इसमें ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हैं. स्कैमर्स आपके किसी करीबी रिश्तेदार (बेटा, बेटी या माता-पिता) की आवाज को क्लोन (नकल) कर लेते हैं.
वे आपको कॉल करके पुलिस वाला बनकर डराते हैं कि आपके बच्चे को किसी जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया है. आपको बैकग्राउंड में अपने बच्चे की रोती हुई आवाज़ (जो AI से बनी होती है) सुनाई जाती है. घबराकर लोग केस रफा-दफा करने के लिए तुरंत पैसे ट्रांसफर कर देते हैं. इसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ का नाम भी दिया गया है.
यह पुराना तरीका है लेकिन आज भी लोग इसमें फंस जाते हैं. आपको एक ईमेल या SMS आता है कि “आपका बैंक अकाउंट खतरे में है” या “KYC अपडेट करें वरना खाता बंद हो जाएगा.”
इसमें एक लिंक दिया होता है. जैसे ही आप उस पर क्लिक करके अपनी डीटेल्स (आईडी, पासवर्ड) डालते हैं, वह जानकारी सीधे स्कैमर्स के पास चली जाती है और आपका खाता खाली हो जाता है.
यह सबसे खतरनाक है क्योंकि इसमें आपको पता भी नहीं चलता कि आपके साथ क्या हो रहा है. फ्रॉडस्टर आपकी पर्सनल जानकारी का इस्तेमाल करके आपके मोबाइल नंबर का एक डुप्लीकेट सिम कार्ड निकलवा लेते हैं. जैसे ही नया सिम एक्टिव होता है, आपके फोन का नेटवर्क चला जाता है. अब आपके सारे बैंक OTP और कॉल्स स्कैमर्स के पास जाने लगते हैं. जब तक आप समझते हैं कि नेटवर्क क्यों गया, तब तक बैंक खाली हो चुका होता है.
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