7 साल पहले यानी 2018 में WhatsApp ग्रुप के एडमिन को जेल हो गई थी. लेकिन, उसने कोई मैसेज ग्रुप में नहीं भेजा था. ग्रुप के एक मेंबर के मैसेज के कारण उसको जेल में रहना पड़ा था. इस वजह से अगर आप किसी WhatsApp ग्रुप के एडमिन है तो आपको यह बात पता होनी चाहिए वर्ना बाद में काफी दिक्कत हो सकती है.
साल 2018 में मध्य प्रदेश में 21 साल का एक छात्र इसलिए जेल में बंद रहा क्योंकि वह एक WhatsApp ग्रुप का ‘डिफ़ॉल्ट एडमिन’ बन गया था. ग्रुप में किसी और ने एक “आपत्तिजनक” मैसेज भेजा, असली एडमिन ग्रुप छोड़कर भाग गया, और यह छात्र अनजाने में एडमिन बन गया. उसका भविष्य दांव पर है. इस वजह से अगर आप भी WhatsApp ग्रुप के एडमिन हैं तो आपको ध्यान रखना होगा.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में गिरफ्तार आरोपी जुनैद WhatsApp ग्रुप का सदस्य था, लेकिन एडमिन नहीं था. जब मामला सामने आया, तो वह पारिवारिक काम से रतलाम में था. तभी एडमिन (इरफान) ने ग्रुप छोड़ दिया और एक अन्य सदस्य डिफॉल्ट रूप से एडमिन बन गया. लेकिन उसने भी ग्रुप छोड़ दिया. इसके बाद, जुनैद डिफॉल्ट रूप से ग्रुप एडमिन बन गया. लेकिन जब पोस्ट मूल रूप से शेयर किया गया था, तब वह एडमिन नहीं था.
इस वजह से आपको WhatsApp ग्रुप में विशेष ध्यान रखना होता है ताकि आपको आगे चल कर कोई परेशानी न हो. ज्यादातर केस में देखा गया है कि WhatsApp ग्रुप का एडमिन ग्रुप में हो रही एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार होता है. अगर आप भी किसी ग्रुप के एडमिन है तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कोई अश्लील मैसेज ग्रुप में न भेजें.
अश्लील के अलावा ऐसा कोई मैसेज या फोटो-वीडियो नहीं होना चाहिए जो किसी धार्मिक या जातीय हिंसा या उन्माद का कारण बने. अगर कोई मेंबर ऐसा भेजता है तो अब एडमिन के पास अधिकार होता है कि वह मैसेज को अपने से सभी के लिए डिलीट कर सकता है तो सबसे पहले मैसेज को डिलीट करके मेंबर को चेतावनी देकर उसकी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.
अगर आप ऐसे किसी वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा हैं जहां पर आ रहे मैसेज से लगता है कि वह गलत हैं तो आप इसकी जानकारी ग्रुप एडमिन को दे सकते हैं. इसके बाद भी सुनवाई न होने पर आपको इसकी लिखित शिकायत नजदीकी थाने में दे सकते हैं ताकि बाद में आप कोई कानूनी पचड़े में न फंसें.
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