भारत में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च का इंतजार काफी लंबे समय से हो रहा है. हालांकि, अभी तक कंपनी को सरकार की ओर ग्रीन लाइट नहीं मिली है. ऐसे में इसका इंतजार कर रहे लोगों को Starlink पर लेटेस्ट अपडेट जरूर जान लेना चाहिए. इससे आप समझ पाएंगे कि Starlink के भारत लॉन्च में देरी क्यों हो रही है.
Elon Musk के Starlink के भारत में एंट्री करने से पहले सरकार सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटित करने की योजनाओं पर काम कर रही है. भारत सरकार ने इसको प्रशासनिक तौर पर आवंटित करने का ऐलान किया है. इससे सैटेलाइट इंटरनेट के भारत में लॉन्च का रास्ता साफ हो चुका है.
हालांकि, फिर भी किसी भी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का रोलआउट भारत में नहीं हो पाया है. सैटेलाइट इंटरनेट के लॉन्च में देरी का एक मुख्य कारण भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से लंबित आवंटन नियम है. जबकि सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटित करने का फैसला किया है, TRAI इस आवंटन के लिए गाइडलाइन्स स्थापित करने के लिए रिस्पॉन्सिबल है.
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पहले की रिपोर्ट में बताया गया था कि TRAI का मकसद 15 दिसंबर 2024 तक इन नियमों को फाइनल करना था. हालांकि, इस टाइमलाइन को बाद में बढ़ा दिया गया है, इस पर ऑथोरिटी नियम कब तक फाइनल करेगी. इस पर कोई नई टाइमलाइन नहीं दी गई है.
हाल ही में आतंकवादी समूहों से बरामद स्टारलिंक डिवाइस की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई है. ऐसी स्थिति में सैटेलाइट इंटरनेट के संभावित दुरुपयोग और सुरक्षा चिंता को लेकर बातचीत चल रही है. भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लॉन्च को तेज करने के सरकार के प्रयासों के बावजूद इस पर मामला अटका हुआ है. जब तक अधिकारी सुनिश्चित नहीं होंगे कि सभी जरूरी नियम लागू हो गए हैं तब तक इसकी सर्विस शुरू नहीं होगी.
यानी Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस का इंतजार कर रहे लोगों को अभी और भी इंतजार करना पड़ेगा. Starlink का फायदा खासतौर पर दूर-दराज के क्षेत्रों में रहे लोगों को मिलेगा जहां पर पारंपरिक इंटरनेट की स्पीड नहीं पहुंच पाती है या स्पीड नहीं मिल पाती है.
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