भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है, जहां हर साल करोड़ों मोबाइल बेचे जाते हैं. यहां लोग हर प्राइस सेगमेंट में फोन खरीद रहे हैं और उनमें से बड़ी संख्या EMI के जरिए ले रही है. कंपनियां EMI पर डिस्काउंट भी देती हैं, लेकिन इसके चलते छोटे लोन में डिफॉल्ट बढ़ गए हैं. अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) एक ऐसा नियम लाने पर विचार कर रहा है जिसके तहत लोन पर खरीदे गए मोबाइल की EMI न चुकाने पर बैंक और NBFC दूर से ही फोन को लॉक कर सकेंगे.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, RBI आने वाले महीनों में अपने Fair Practices Code को अपडेट करने की तैयारी कर रहा है. नए फ्रेमवर्क में बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को तकनीकी सुविधा दी जाएगी, जिससे EMI मिस होते ही फोन को रिमोट से लॉक किया जा सके. अभी RBI इस प्रस्ताव के ऑपरेशनल, कानूनी और एथिकल पहलुओं पर अध्ययन कर रहा है.
हाल के वर्षों में भारत का कंज्यूमर लोन मार्केट तेजी से बढ़ा है, लेकिन छोटे लोन (1 लाख रुपये से कम) में डिफॉल्ट भी बढ़े हैं. Home Credit Finance की 2024 की एनालिसिस के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीद का एक बड़ा हिस्सा EMI पर हो रहा है और यह सेगमेंट डिफॉल्ट के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील है. नए नियम से उम्मीद है कि लोन चुकाने में मजबूती आएगी और कमजोर क्रेडिट हिस्ट्री वाले ग्राहकों को भी लोन मिल सकेगा.
RBI Fair Practices Code में संशोधन कर इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा. इसमें कस्टमर की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने पर जोर होगा. फोन लॉकिंग फीचर को एक्टिव करने से पहले उधार देने वाली कंपनियों को ग्राहक की सहमति लेनी होगी. साथ ही, बैंक या NBFC को फोन का पर्सनल डेटा एक्सेस करने की अनुमति नहीं होगी.
RBI ने 2024 में फोन-लॉकिंग ऐप्स पर शिकायतों के चलते पाबंदी लगा दी थी. लेकिन अब नई कंसल्टेशन के बाद इसे दोबारा कड़े सुरक्षा प्रावधानों के साथ लाने की तैयारी है. उम्मीद है कि यह गाइडलाइन आने वाले महीनों में लागू की जा सकती है, हालांकि RBI की ओर से आधिकारिक ऐलान अभी नहीं किया गया है.
भारत में 1.16 अरब से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन हैं और करोड़ों लोग EMI पर फोन खरीदते हैं. अगर यह नियम लागू हुआ तो EMI न चुकाने वालों पर सीधा असर पड़ेगा. बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को इससे फायदा होगा क्योंकि उनका लोन पोर्टफोलियो सुरक्षित रहेगा.
हालांकि, उपभोक्ता संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि EMI न भरने पर फोन लॉक करना उन यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकता है जो नौकरी, पढ़ाई और डिजिटल सर्विसेज के लिए मोबाइल पर निर्भर हैं. आलोचकों की चेतावनी है कि यह कदम डिजिटल डिवाइड को और गहरा कर सकता है, खासकर गरीब और लो-इनकम ग्रुप पर इसका ज्यादा असर होगा.
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