सोशल मीडिया ट्रेंड को देख, आपने भी बना ली Ghibli इमेज? अभी भी कंपनी के पास डेटा, फौरन बंद करें ये ऑप्शन

Updated on 29-May-2025

सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ वायरल होता रहता है. हाल ही में Ghibli Trend ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था. हजारों लोगों को आपने इस इमेज ट्रेंड को फॉलो करते देखा होगा. पिछले कुछ समय में लाखों लोगों ने OpenAI को अपनी फोटो देकर उसे Ghibli-Style Art में बदला था.

यह टूल आपकी फोटो, मीम्स और यहां तक कि हिस्टॉरिकल सीन को Hayao Miyazaki की फिल्मों जैसे Spirited Away और My Neighbor Totoro की जादुई, हैंड-ड्रॉन स्टाइल में ट्रांसफॉर्म करता है. लेकिन इस मजे के पीछे प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर एक्सपर्ट्स ने गंभीर चिंताएं जताई हैं.

Ghibli ट्रेंड की शुरुआत

OpenAI ने मार्च के आखिरी हफ्ते में ChatGPT में नया इमेज जनरेशन फीचर लॉन्च किया. GPT-4o मॉडल की नई खूबियों के साथ, यह फीचर पहले पेड यूजर्स के लिए रिलीज हुआ और एक हफ्ते बाद फ्री यूजर्स के लिए भी.

पहले ChatGPT, DALL-E मॉडल से इमेज बना सकता था, लेकिन GPT-4o ने इमेज को इनपुट के तौर पर देने, बेहतर टेक्सट रेंडरिंग और इनलाइन एडिट्स के लिए प्रॉम्प्ट फॉलो करने की क्षमता को और बेहतर किया.

शुरुआती यूजर्स ने इस फीचर के साथ एक्सपेरिमेंट शुरू किए और इमेज को इनपुट देने का फीचर सबसे ज्यादा पॉपुलर हुआ. टेक्सट प्रॉम्प्ट से जेनेरिक इमेज बनाने से ज्यादा मजा अपनी फोटो को आर्टवर्क में बदलने में आया. इस ट्रेंड के ऑरिजिनेटर को ढूंढना मुश्किल है लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर और AI एंथुज़ियास्ट Grant Slatton को इसका पॉपुलराइज़र माना जाता है. उनकी पोस्ट, जिसमें उन्होंने अपनी, अपनी पत्नी, और अपने फैमिली डॉग की फोटो को Ghibli-स्टाइल आर्ट में बदला था. उसको 52 मिलियन से ज़्यादा व्यूज, 16,000 बुकमार्क्स, और 5,900 रीपोस्ट्स मिले.

हालांकि कितने यूजर्स ने Ghibli-स्टाइल इमेज बनाईं, इसका सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन X, Facebook, Instagram और Reddit जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन इमेज की बाढ़ से लगता है कि लाखों लोग इसमें शामिल हुए. यह ट्रेंड सिर्फ इंडिविजुअल यूजर्स तक सीमित नहीं रहा. ब्रांड्स और यहां तक कि भारत सरकार का MyGovIndia X अकाउंट भी Ghibli-इंस्पायर्ड विज़ुअल्स शेयर करके इसमें शामिल हुआ. सेलेब्रिटीज जैसे Sachin Tendulkar और Amitabh Bachchan ने भी सोशल मीडिया पर ऐसी इमेज शेयर कीं.

प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी की चिंताएं

OpenAI के सपोर्ट पेज के मुताबिक, कंपनी यूजर कंटेंट, जैसे टेक्सट, इमेज और फाइल अपलोड्स को अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए कलेक्ट करती है. प्लेटफॉर्म पर ऑप्ट-आउट ऑप्शन उपलब्ध है, जिसे एक्टिवेट करने पर कंपनी यूजर डेटा कलेक्ट नहीं करती है. लेकिन रजिस्ट्रेशन या प्लेटफॉर्म एक्सेस करते वक्त कंपनी ये क्लियरली नहीं बताती कि वो AI ट्रेनिंग के लिए डेटा कलेक्ट करती है. ये जानकारी ChatGPT के टर्म्स ऑफ यूज में है, लेकिन ज़्यादातर यूजर्स इसे पढ़ते नहीं है.

इसका मतलब है कि ज़्यादातर यूजर्स, खासकर वो जो Ghibli-स्टाइल आर्ट के लिए अपनी इमेज शेयर कर रहे हैं, को प्राइवेसी कंट्रोल्स की जानकारी नहीं होती, और वो डिफॉल्ट रूप से अपना डेटा AI फर्म के साथ शेयर कर देते हैं. तो, इस डेटा का क्या होता है?

OpenAI की सपोर्ट पेज के अनुसार, जब तक यूजर चैट को मैन्युअली डिलीट नहीं करता, डेटा इसके सर्वर पर हमेशा स्टोर रहता है. डिलीट करने के बाद भी, सर्वर से परमानेंट डिलीशन में 30 दिन तक लग सकते हैं. इस दौरान, कंपनी यूज़र डेटा को अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए यूज कर सकती है (ये Teams, Enterprise या Education प्लान्स पर लागू नहीं होता).

क्या है नुकसान?

कई लोग पूछ सकते हैं कि डेटा कलेक्शन से क्या नुकसान है. OpenAI या किसी भी AI प्लेटफॉर्म का बिना साफ सहमति के यूजर डेटा कलेक्ट करना इसलिए खतरनाक है क्योंकि यूजर्स को नहीं पता कि उनका डेटा कैसे यूज हो रहा है, और उनका उस पर कोई कंट्रोल नहीं है.

कुछ प्लेटफॉर्म्स इमेज को रख सकते हैं, दोबारा यूज़ कर सकते हैं, या फ्यूचर AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए यूज़ कर सकते हैं. ज़्यादातर यूज़र्स को डेटा डिलीट करने का ऑप्शन नहीं मिलता, जो कंट्रोल और सहमति को लेकर गंभीर सवाल उठाता है. अगर डेटा ब्रीच होता है, यानी बैड एक्टर्स यूजर डेटा चुरा लेते है तो नतीजे बहुत बुरे हो सकते हैं. डीपफेक की बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ, बैड एक्टर्स इस डेटा का गलत इस्तेमाल करके फेक कंटेंट बना सकते हैं, जो लोगों की रेपुटेशन को नुकसान पहुंचा सकता है या आइडेंटिटी फ्रॉड जैसे हालात पैदा कर सकता है.

लॉन्ग-टर्म कंसक्वेंसेस

कुछ ऑप्टिमिस्टिक लोग कह सकते हैं कि डेटा ब्रीच की संभावना कम होती है. लेकिन वो फेशियल फीचर्स की परमानेंस की प्रॉब्लम को नज़रअंदाज कर रहे हैं. जैसे-जैसे लोग क्लाउड-बेस्ड मॉडल्स और टेक्नोलॉजीज़ के साथ डेटा शेयर करते रहेंगे, ये प्रॉब्लम और बढ़ेगी.

हाल ही में Google ने Veo 3 वीडियो जनरेशन मॉडल पेश किया, जो न सिर्फ हाइपररियलिस्टिक वीडियो बनाता है, बल्कि उनमें डायलॉग और बैकग्राउंड साउंड्स भी जोड़ता है. यह मॉडल इमेज-बेस्ड वीडियो जनरेशन को सपोर्ट करता है, जो जल्द ही ऐसा ही दूसरा ट्रेंड शुरू कर सकता है.

यहाँ मकसद डर या पैनिक फैलाना नहीं है, बल्कि उन रिस्क्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो यूज़र्स तब लेते हैं जब वो मासूम दिखने वाले इंटरनेट ट्रेंड्स में हिस्सा लेते हैं या कैज़ुअली क्लाउड-बेस्ड AI मॉडल्स के साथ डेटा शेयर करते हैं. इसकी जानकारी लोगों को भविष्य में समझदारी से फैसले लेने में मदद करेगी.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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