मानसून या गर्मियों के आते ही मच्छरों की परेशानी भी बढ़ जाती है. लोग तुरंत Good Knight, All Out जैसी इलेक्ट्रिक मच्छर भगाने वाली मशीनों का सहारा लेते हैं. ये मशीनें घरों में कई बार 24 घंटे चालू रहती हैं. ज्यादातर लोगों को लगता है कि इतनी छोटी मशीन से बिजली बिल पर खास असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर आप भी यही सोचते हैं, तो अब समय है अपनी आदत बदलने का.
यह आदत हर साल ₹400 से ₹900 तक का अतिरिक्त बिजली खर्च आपके सिर पर डाल सकती है, जो शायद आपने कभी गिन कर नहीं देखा होगा.
मशीनों में क्या होता है और कैसे करती हैं काम?
Good Knight, All Out जैसी मशीनों में एक छोटा सा हीटिंग एलिमेंट (हीटर) होता है. जो लिक्विड को गर्म करके उसे गैस में बदलता है. यह गैस मच्छरों को भगाने का काम करती है. लेकिन असली समस्या यह है कि जब तक यह मशीन प्लग में लगी रहती है तब तक हीटर बिजली लेता रहता है, भले ही आपको गैस की खुशबू महसूस हो या नहीं.
कितनी बिजली खपत करती है यह डिवाइस?
आमतौर पर एक मशीन 5 से 7 वॉट बिजली की खपत करती है.
अब जरा इसका गणित देखें:
यदि डिवाइस 24 घंटे प्लग में लगी रहे, तो यह रोजाना करीब 0.12 यूनिट बिजली खपत करती है.
एक महीने में यह 3.6 यूनिट, और सालभर में 43.8 यूनिट तक पहुंच जाती है.
अगर एक यूनिट बिजली की औसत कीमत ₹5 मानी जाए, तो सिर्फ एक मशीन से ही सालभर में ₹219 का खर्च हो सकता है.
एक नहीं, घर में होती हैं 2-3 मशीनें
आधुनिक घरों में अक्सर दो या तीन बेडरूम होते हैं, और हर रूम में एक-एक मच्छर भगाने वाली मशीन लगी होती है.
दो डिवाइस – ₹438
तीन डिवाइस – ₹657
चार डिवाइस – ₹876 तक का सालाना खर्च
यह खर्च तब और बड़ा बन जाता है जब बिजली की दरें ₹6-₹8 प्रति यूनिट तक पहुंच जाती हैं.
क्यों खतरनाक है यह ‘छोटी’ आदत?
यह डिवाइस लगातार हीट जनरेट करती है, जिससे घर में मामूली गर्मी भी बढ़ती है.
हर वक्त चालू रहने से इलेक्ट्रिक सॉकेट्स पर भी असर पड़ता है.
अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो ओवरहीटिंग की स्थिति बन सकती है.
यानी एक छोटी सी लापरवाही से न सिर्फ पैसा खर्च हो रहा है, बल्कि सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है.
कैसे करें बचत?
सिर्फ रात में सोने से पहले मशीन चालू करें और सुबह बंद कर दें.
यदि कमरे में मच्छरों की संख्या कम है, तो मच्छरदानी या नैचुरल उपायों का उपयोग करें.
अगर मच्छर बहुत हैं, तब भी सिर्फ 6-8 घंटे ही मशीन चालू रखें.
समय-समय पर मशीन की सफाई करें, ताकि कम समय में बेहतर असर दिखे.
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.