2 हजार रुपये से कम में मिलता है ये ‘फोन’, बिना इंटरनेट के भी कर पाएंगे स्क्रॉल, ‘असली’ मोबाइल की नहीं आएगी याद!

Updated on 20-May-2025

US मार्केट में Methaphone नाम की एक स्टार्टअप ने फोन की लत से निपटने के लिए एक अनोखा उपाय पेश किया है. कंपनी ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो दिखने और महसूस करने में असली स्मार्टफोन जैसा है. यह साधारण डिवाइस की कीमत $20 (लगभग 1700 रुपये) है. यह एक चिकनी, खाली सतह के साथ आता है, जो यूजर्स को बिना किसी डिजिटल कंटेंट के स्क्रॉलिंग करने की सुविधा देता है.

यह डिवाइस तब सुर्खियों में आया जब एक TikTok वीडियो वायरल हुआ. जिसमें एक महिला कथित तौर पर कांच के टुकड़े पर स्क्रॉल करती दिखी, जिसके बाद “नए Nokia ट्रांसपेरेंट फोन” की चर्चा सामने आई.

हालांकि, बाद में Gulf News के अनुसार, इस ऑब्जेक्ट को Methaphone के रूप में पहचाना गया जो एक पारदर्शी ऐक्रिलिक स्लैब है, जो iPhone जैसा दिखने के लिए डिजाइन किया गया है और फोन की लत से लड़ने में मदद करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टिकाऊ, पारदर्शी ऐक्रिलिक से बना है, जो आधुनिक फोन के वजन और डिजाइन को कॉपी करता है. यह स्क्रीन टाइम कम करने की चाह रखने वालों को एक टैक्टाइल अनुभव देता है.

जब यूजर्स को अपने फोन को चेक करने की इच्छा होती है, वे Methaphone को पकड़कर स्क्रॉलिंग की नकल कर सकते हैं. यह डिवाइस धीरे-धीरे फोन पर निर्भरता कम करने और यूजर्स को अपने डिवाइस इस्तेमाल के प्रति अधिक जागरूक बनाने में मदद कर सकता है.

Instagram यूजर CatGPT ने एक वीडियो में स्पष्ट किया, “मेरे दोस्त ने इस डिवाइस को बनाया और डिजाइन किया. अगर हम अपने फोन्स के इतने आदी हैं तो क्या हम उस निर्भरता को कम कर सकते हैं अगर किसी को ऐसा कुछ दिया जाए जो फोन जैसा लगे, लेकिन उसमें टेक्नोलॉजी न हो? कुछ ऐसा जो आपकी जेब में फिट हो, जो परिचित लगे?”

उन्होंने आगे कहा, “ईमानदारी से कहूं, क्या मैंने इसे अपने साथ रखने के बाद फोन का इस्तेमाल कम किया? शायद नहीं. लेकिन इसने बातचीत शुरू की, और यही सबसे ज्यादा मायने रखता है.” आपको बता दें कि 16 मई 2025 को शेयर किए गए इस वीडियो को अब तक 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. TikTok पर @askcatgpt का 9-सेकंड का वीडियो 5 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया, जिसने 3.3 मिलियन लाइक्स और हजारों कमेंट्स बटोरे.

Methaphone का नकली फोन

टैक्टाइल अनुभव: Methaphone का टैक्टाइल अनुभव असली स्मार्टफोन को छूने जैसा है, जिससे यूजर्स की फोन चेक करने की आदत को संतुष्ट किया जा सकता है.

चिंता में कमी: दावा है कि Methaphone यूजर्स की बार-बार स्क्रीन चेक करने की आदत को कम कर सकता है और उनकी चिंता को घटा सकता है.

माइंडफुलनेस: यह डिवाइस यूजर्स को अपने फोन के इस्तेमाल के प्रति जागरूक बनाता है और बेहतर आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

Methaphone का कॉन्सेप्ट डिजिटल इंटरैक्शन्स की जगह एक फिजिकल, स्क्रीन-मुक्त अनुभव देकर यूजर्स को अपने फोन के इस्तेमाल के पैटर्न पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करता है. इस मनोवैज्ञानिक प्रयोग का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अपने व्यवहार और डिवाइस के उनके जीवन पर प्रभाव के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करना है.

कुछ लोगों ने Methaphone को डिस्कनेक्ट करने का एक नया तरीका बताकर इसकी तारीफ की, जबकि अन्य ने निराशा जताई कि यह वास्तव में एक ट्रांसपेरेंट फोन नहीं है. इस वायरल वीडियो ने डिजिटल वेलनेस पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है.

Methaphone की खासियतें और प्रभाव

यह एक पारदर्शी ऐक्रिलिक स्लैब है, जो iPhone के आकार और वजन को कॉपी करता है. यह शैटरप्रूफ और हल्का है, जो इसे जेब में रखने के लिए सुविधाजनक बनाता है. यह नोमोफोबिया (फोन के बिना रहने का डर) और बार-बार स्क्रीन-चेकिंग को कम करने के लिए बनाया गया है. यह प्लेसीबो की तरह काम करता है, जो फोन की फिजिकल उपस्थिति की जरूरत को पूरा करता है.

CatGPT ने स्वीकार किया कि उनके फोन का इस्तेमाल कम नहीं हुआ, लेकिन यह डिवाइस डिजिटल डिटॉक्स पर बातचीत शुरू करने में सफल रहा. PetaPixel के अनुसार, कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह स्क्रीन टाइम कम करता है, लेकिन इसकी लोकप्रियता डिजिटल निर्भरता पर सवाल उठाती है.

आपको बता दें कि ऐसा कोई पहली बार नहीं है. साल 2014 में लॉन्च, NoPhone भी एक प्लास्टिक का नकली फोन था, जो $10 में बिकता था. यह भी फोन की लत कम करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसमें स्क्रॉलिंग की नकल करने की सुविधा नहीं थी.

2017 में डिजाइनर Klemens Schillinger ने Substitute Phone बनाया, जिसमें रोलर बॉल्स थे जो स्वाइपिंग की नकल करते थे. यह Methaphone से ज्यादा जटिल था लेकिन कम वायरल हुआ.

Nokia 3310 जैसे फीचर फोन्स या Light Phone इंटरनेट और ऐप्स को हटाकर डिजिटल डिटॉक्स में मदद करते हैं. Methaphone इनसे सस्ता है लेकिन कार्यक्षमता में सीमित है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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