महाराष्ट्र में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी आर्थिक बर्बादी, पारिवारिक त्रासदियों और नशे की बढ़ती घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार से इस क्षेत्र पर सख्त नियंत्रण की अपील की है. शुक्रवार को विधान सभा के एक सेशन के दौरान सीएम ने स्वीकार किया कि राज्य सरकार के पास ऑनलाइन गेमिंग पर कानून बनाने का अधिकार नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी वादा किया कि इस ‘खतरनाक ट्रेंड’ को रोकने के लिए वो केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे.
सदन में सभी पार्टियों के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों से बेहद गंभीर घटनाओं का जिक्र किया. शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने एक दर्दनाक घटना का जिक्र किया जिसमें उनका एक मतदाता ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण अपनी जमीन और घर बेच बैठा, कर्ज में डूब गया और आखिर में अपनी गर्भवती पत्नी, छोटे बेटे और खुद की जान ले ली.
पाटिल ने कहा, “जैसे राज्य ने युवाओं को बचाने के लिए डांस बार पर प्रतिबंध लगाया था, वैसे ही अब ऑनलाइन गेमिंग पर भी सख्त कदम उठाने होंगे.”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने अकेले कुछ कदम उठाने की संभावनाएं तलाशी थीं, लेकिन कानूनी अधिकारों की सीमाएं आड़े आ गईं. उन्होंने कहा, “ये वेबसाइट्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होस्ट होती हैं और उन पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है.”
सीएम ने यह भी बताया कि वो इस मुद्दे पर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात कर चुके हैं और उन्हें पत्र भी लिख चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि केंद्र अब इस मामले को “गंभीरता से देख रहा है.”
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कानूनी उपायों के अलावा, विधायकों ने ऑनलाइन गेमिंग को ग्लैमराइज करने वाले एड्वर्टाइजमेंट पर तुरंत रोक लगाने की मांग की. NCP (SP) विधायक अभिजीत पाटिल ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि बॉलीवुड और खेल की दुनिया के कई सेलिब्रिटीज ऐसे ऐप्स का एड्वर्टाइजमेंट कर रहे हैं, जिससे युवा वर्ग पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा, “उनके प्रमोशन्स युवाओं को ऐसे खतरनाक प्लेटफॉर्म्स की ओर आकर्षित कर रहे हैं.”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी सेलिब्रिटीज से अपील की कि वो इन प्लेटफॉर्म्स से खुद को अलग करें. साथ ही संकेत दिया कि राज्य सरकार इन एड्वर्टाइजमेंट्स पर रोक के लिए कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है.
ये घटनाएं ऐसे समय पर सामने आई हैं जब कर्नाटक समेत कई राज्य रियल मनी गेमिंग (RMG), यानी वास्तविक पैसे का लेनदेन करने वाले प्लेटफॉर्म्स की सख्त जांच कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र भी इस साल की शुरुआत में एक रेगुलेटरी ढांचे पर काम कर रहा था, जिसमें लाइसेंसिंग फीस और कड़े अनुपालन मानदंडों की योजना थी.
डेल्टा कॉर्प (कैसीनो और ऑनलाइन गेमिंग), नजारा टेक्नोलॉजीज़ (ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेमिंग), और ऑनमोबाइल ग्लोबल (मोबाइल गेमिंग सर्विसेज) जैसी कंपनियों पर निवेशकों की नजर और सख्त हो सकती है.
गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने इससे पहले विधान परिषद को जानकारी दी थी कि राज्य सरकार ऑनलाइन गेमिंग से होने वाले साइबर क्राइम और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे पर काम कर रही है. उन्होंने कहा, “हम ऐसा फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं जिससे इन प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय हो और इनके गलत इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके.”
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