Flipkart और Amazon की फेस्टिव सेल में iPhone पर भारी डिस्काउंट देखकर कौन नहीं खरीदना चाहेगा? भारी छूट की वजह से कई लोगों ने iPhone खरीदा भी. लेकिन, ऑनलाइन iPhone खरीदने को लेकर पहले कई खबरें आ चुकी हैं कि ई-कॉमर्स कंपनी ने पैकेट में नकली आईफोन भेज दिया.
ऐसे में अगर आपने भी सेल में एक नया आईफोन खरीदा है या खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि आपका डिवाइस असली है या नकली. आइए, हम आपको 4 ऐसे आसान तरीके बताते हैं जिनसे आप मिनटों में यह पता लगा सकते हैं कि आपका महंगा आईफोन असली है या फिर आप किसी ठगी का शिकार हो गए हैं.
हर स्मार्टफोन का एक यूनिक IMEI नंबर होता है, जो उसकी पहचान की तरह है. आपको बस दो चीजों का मिलान करना है.
फोन का IMEI पता करें: अपने आईफोन के डायल पैड पर *#06# डायल करें. आपकी स्क्रीन पर तुरंत IMEI नंबर आ जाएगा.
बॉक्स से मिलान करें: अब इस नंबर का मिलान आईफोन के ऑरिजिनल बॉक्स पर लगे स्टीकर वाले IMEI नंबर से करें.
अगर फोन पर दिखाया गया IMEI नंबर और बॉक्स पर दिया गया नंबर अलग-अलग है, तो यह लगभग तय है कि आपका आईफोन नकली है. यह जांचने का सबसे पहला और पक्का तरीका है.
असली आईफोन की आत्मा उसका ऑपरेटिंग सिस्टम, यानी iOS होता है. Apple का iOS दिखने और काम करने में एंड्रॉयड से बिल्कुल अलग होता है. धोखेबाज अक्सर एंड्रॉयड का एक मॉडिफाइड वर्जन इस्तेमाल करते हैं जो दिखने में iOS जैसा लगता है, लेकिन उसकी असलियत पकड़ी जा सकती है.
कैसे चेक करें?: अपने आईफोन की सेटिंग्स में जाएं. अगर आपको सॉफ्टवेयर अपरिचित लगता है या उसमें एंड्रॉयड से जुड़े एलिमेंट्स (जैसे गूगल प्ले स्टोर का आइकन या अलग तरह का नोटिफिकेशन पैनल) दिखते हैं, तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. अगर फोन iOS पर नहीं चल रहा है, तो वह 100% नकली है.
असली और नकली का पता लगाने का यह सबसे विश्वसनीय तरीका है. इसके लिए आपको Apple की ऑफिशियल कवरेज चेकर वेबसाइट पर जाना होगा.
वेबसाइट पर जाएं: अपने ब्राउजर में https://checkcoverage.apple.com/ खोलें.
डिटेल्स डालें: यहां अपने डिवाइस का सीरियल नंबर डालें (यह आपको बॉक्स पर या फोन की Settings > General > About में मिल जाएगा) और दिया गया वेरिफिकेशन कोड (CAPTCHA) भरें.
वेरिफाई करें: अगर वेबसाइट कहती है कि सीरियल नंबर अमान्य है या जो जानकारी दिखाती है वह आपके डिवाइस से मेल नहीं खाती (जैसे गलत मॉडल या खरीद की तारीख), तो समझ जाइए कि फोन के नकली होने की पूरी संभावना है.
हालांकि, यह सबसे कम भरोसेमंद तरीका है, क्योंकि सोफिस्टिकेटेड नकली फोन बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं, फिर भी आप कुछ चीजों पर ध्यान दे सकते हैं. आईफोन अपनी प्रीमियम बिल्ड क्वालिटी के लिए जाना जाता है.
क्या जांचें?: क्या फोन का फ्रेम सस्ता, हल्का या प्लास्टिक जैसा महसूस होता है? क्या पीछे बना Apple का लोगो या लिखा हुआ टेक्स्ट थोड़ा धुंधला या गलत जगह पर है? क्या बटन्स ढीले या ठीक से काम नहीं कर रहे हैं? अगर आपको इनमें से कुछ भी महसूस होता है, तो यह एक रेड फ्लैग हो सकता है.