2025 की पहली तिमाही में पांच सबसे बड़ी टेक कंपनियां Google (Alphabet), Amazon, Apple, Microsoft और Meta ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. बढ़ती लागत और आर्थिक मंदी जैसे चैलेंजेस के बावजूद इन कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में ज़्यादा रेवेन्यू और प्रॉफिट हासिल किया. इनकी ग्रोथ का मुख्य कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड सर्विसेज़, डिजिटल विज्ञापन, और पेड ऑनलाइन सर्विसेज़ में भारी निवेश रहा. कई कंपनियों ने डिविडेंड्स और स्टॉक बायबैक के ज़रिए शेयरहोल्डर्स को रिटर्न भी दिया.
Microsoft ने 70.1 बिलियन डॉलर (लगभग 5,92,625.4 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया, जो पिछले साल से 15% ज़्यादा है. इसका नेट इनकम 25.8 बिलियन डॉलर रहा. जिसमें 19% की बढ़ोतरी दर्ज हुई. Microsoft Azure क्लाउड सर्विस में 35% की उछाल और Copilot जैसे AI टूल्स के साथ OpenAI की पार्टनरशिप ने इस ग्रोथ को ड्राइव किया. कंपनी ने 9.7 बिलियन डॉलर डिविडेंड्स और शेयर बायबैक के रूप में शेयरहोल्डर्स को लौटाए. Azure और AI ने Microsoft को फ्यूचर टेक में अग्रणी बनाया. X पर यूज़र्स इसे AI का बादशाह कह रहे हैं.
Alphabet (Google) ने 90.2 बिलियन डॉलर (लगभग 7,62,750.8 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया, जो 12% की बढ़त दर्शाता है. इसका नेट इनकम 34.5 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें 46% की शानदार उछाल आई. Google Cloud ने 12.3 बिलियन डॉलर के साथ 28% ग्रोथ दिखाई, जबकि YouTube ऐड्स ने 8.9 बिलियन डॉलर कमाए, जो 10% ज़्यादा है. नए AI मॉडल Gemini 2.5 Pro ने प्रोडक्ट्स को बूस्ट किया. Alphabet ने डिविडेंड में 5% बढ़ोतरी की और 70 बिलियन डॉलर का शेयर बायबैक शुरू किया. Google का AI और क्लाउड गेम इसे रेस में आगे रख रहा है.
Apple ने 95.4 बिलियन डॉलर (लगभग 8,05,853.8 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले साल से 5% ज़्यादा है. इसका नेट इनकम 24.8 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें भी 5% की बढ़त हुई. Apple की सर्विसेज़ (iCloud, App Store) ने 26.6 बिलियन डॉलर कमाए, जो 12% की ग्रोथ दिखाता है. iPhone सेल्स स्थिर रहीं, लेकिन सर्विसेज़ ने बाजी मारी. कंपनी ने 100 बिलियन डॉलर का मेगा स्टॉक बायबैक प्लान अनाउंस किया. Vision Pro और Apple Intelligence जैसे इनोवेशन्स 2025 में और धमाल मचा सकते हैं.
Amazon ने सबसे ज़्यादा 155.7 बिलियन डॉलर (लगभग 13,15,257.9 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया, जो 9% की बढ़त है. इसका नेट इनकम 17.1 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें 64% की उछाल आई. Amazon Web Services (AWS) ने 29.3 बिलियन डॉलर और ऐडवरटाइज़िंग ने 13.9 बिलियन डॉलर का योगदान दिया. हालांकि, इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ज़्यादा खर्च की वजह से फ्री कैश फ्लो 25.9 बिलियन डॉलर तक गिर गया. AWS का दबदबा और ऐड बिज़नेस Amazon को मार्केट लीडर बनाए हुए है. X पर कुछ यूजर्स इसके खर्च को लेकर चिंतित हैं.
Meta ने 42.3 बिलियन डॉलर (लगभग 3,57,308.1 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया, जो 16% की ग्रोथ है. इसका नेट इनकम 16.6 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें 35% की बढ़त हुई. ऐडवरटाइज़िंग इसकी मुख्य इनकम रही, और बढ़ती ऐड प्राइसेज़ ने रिज़ल्ट्स को बूस्ट किया. Meta AI असिस्टेंट, जिसे 1 बिलियन लोग मंथली यूज़ करते हैं, कंपनी का बड़ा फोकस है. यूरोप में नए नियम इसके ऐड-फ्री पेड सब्सक्रिप्शन्स को चैलेंज कर सकते हैं. Llama 4 और AI ने Meta को सोशल मीडिया का किंग बनाए रखा है.
Q1 2025 रिजल्ट्स दिखाते हैं कि AI, क्लाउड, और डिजिटल ऐड्स टेक इंडस्ट्री का फ्यूचर हैं. Microsoft का Azure, Google का Gemini, Apple की सर्विस, Amazon का AWS और Meta का AI असिस्टेंट मार्केट को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं. लेकिन यूरोप के नियम और भारी खर्च जैसे चैलेंज बने रह सकते हैं.
यह भी पढ़ें: कूलर ऑन करते ही डाल दें ये 5 रुपये वाली चीज, 2 मिनट में बन जाएगा AC का ‘बाप’, कमरा बन जाएगा लद्दाख!