Google के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. Android और Chrome के दबदबे पर सवाल उठने के बाद अब टेक दिग्गज को अपने विज्ञापन बिजनेस को तोड़ने की नौबत आ सकती है. एक US कोर्ट ने इसको लेकर फैसला सुनाया है. फैसले में कहा गया है कि Google ने डिजिटल विज्ञापन मार्केट के अहम हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा किया.
इसने अपनी ताकत का इस्तेमाल वेबसाइट्स और विज्ञापनदाताओं के लिए जरूरी टूल्स व प्लेटफॉर्म्स पर हावी होने के लिए किया. वर्जीनिया के एलेक्ज़ेंड्रिया में US डिस्ट्रिक्ट जज लियोनी ब्रिंकेमा ने Google को पब्लिशर एड सर्वर्स और एड एक्सचेंज मार्केट्स में “जानबूझकर एकाधिकार हासिल करने और बनाए रखने” का दोषी पाया. ये टूल्स वेबसाइट्स को विज्ञापन मैनेज करने और विज्ञापनदाताओं से जोड़ने में मदद करते हैं, जिससे न्यूज साइट्स सहित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को कमाई होती है.
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, जज ब्रिंकेमा ने कहा कि Google की इस हरकत ने न सिर्फ प्रतिद्वंद्वियों को मुकाबले से बाहर किया, बल्कि इसके पब्लिशर कस्टमर्स, कॉम्पिटिटिव प्रोसेस और वेब पर जानकारी के उपभोक्ताओं को भी नुकसान पहुंचाया.
ट्रायल के दौरान Google के वकीलों ने दलील दी कि केस में कंपनी के पुराने एक्शन्स पर ज्यादा फोकस किया गया और Amazon जैसे एड टेक स्पेस के बड़े खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया गया. अब दूसरा ट्रायल होगा, जिसमें यह तय होगा कि Google को क्या कदम उठाने होंगे.
एक संभावना यह है कि Google को अपना Ad Manager प्लेटफॉर्म, जिसमें एड एक्सचेंज और पब्लिशर एड सर्वर शामिल हैं, बेचना पड़ सकता है. यह पहली बार नहीं है जब Google को एकाधिकार के लिए दोषी ठहराया गया है. इससे पहले कंपनी को ऑनलाइन सर्च मार्केट में दबदबे के लिए भी ऐसी ही सजा मिल चुकी है.
ऐसे में यूजर्स का भरोसा भी Google पर कम हो रहा है. अगर आप भी Google Chrome का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अब अल्टरनेटिव वेब-ब्राउजर पर शिफ्ट हो जाना चाहिए. अभी गूगल क्रोम से भी तगड़ा वेब-ब्राउजर Microsoft का Edge है. इस पर आपको एआई समेत कई ऐसे फीचर्स मिलेंगे जो आपकी ब्राउजिंग को काफी आसान बना देंगे. इसके साथ मिलने वाले एक्सटेंशन भी आपके काम को काफी आसान बना देते हैं.
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