Electric Geyser
सर्दियां आते ही गीजर हर घर में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला उपकरण बन जाता है. लेकिन इसके साथ धीमी हीटिंग, बढ़ता बिजली बिल और जल्द खराब होने जैसी शिकायतें भी सामने आने लगती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि समस्या मौसम में नहीं, बल्कि गीजर की सही देखभाल में है.
ज्यादातर मामलों में खराब परफॉर्मेंस का कारण स्केलिंग, गलत सेटिंग्स, खराब थर्मोस्टेट या वोल्टेज की दिक्कतें होती हैं.
गीजर की सबसे बड़ी दुश्मन टेक्नीशियन बताते हैं कि धीमी हीटिंग का सबसे बड़ा कारण स्केलिंग है. हार्ड वॉटर में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम धीरे-धीरे हीटिंग एलिमेंट पर जम जाते हैं. जैसे-जैसे परत मोटी होती जाती है, हीट पानी तक नहीं पहुंच पाती, और गीजर को ज़्यादा बिजली खपत करनी पड़ती है. कई बार एलिमेंट बर्न भी हो जाता है.
एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि हर सर्दी की शुरुआत में हीटिंग एलिमेंट की सफाई या जरूरत पड़ने पर उसका रिप्लेसमेंट करा लेना चाहिए.
गीजर टैंक की नियमित डीस्केलिंग जरूरी टैंक के अंदर भी समय के साथ मिनरल जमा होकर मोटी परत बना देते हैं. यह परत इंसुलेटर की तरह काम करती है, जिससे पानी गर्म होने में ज्यादा समय लगता है. सर्विसिंग के दौरान टैंक को डीस्केलिंग केमिकल से फ्लश किया जाता है, जिससे जमा मैल साफ हो जाता है और हीटिंग क्षमता वापस लौट आती है.
कई लोग बिजली बचाने के लिए तापमान कम कर देते हैं, जिससे हीटिंग समय बढ़ जाता है. अगर सेटिंग सही होने के बावजूद पानी देर से गर्म हो रहा है, तो थर्मोस्टेट की जांच या बदलवाना जरूरी है. खराब थर्मोस्टेट गीजर की परफॉर्मेंस को काफी प्रभावित करता है.
कम वोल्टेज: हीटिंग की गति पर सीधा असर अगर सप्लाई वोल्टेज 200 वोल्ट से नीचे हो, तो हीटिंग एलिमेंट को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती. पुराने वायरिंग सिस्टम और लो-क्वालिटी पावर सप्लाई वाले क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा होती है.
ऐसे मामलों में स्टेबलाइजर का उपयोग हीटिंग टाइम कम कर सकता है. कम वाटर प्रेशर भी बनता है समस्या कम पानी का दबाव आने से टैंक धीरे भरता है, जिससे लगता है कि गीजर धीरे गर्म कर रहा है. पाइप की सफाई और प्रेशर वॉल्व की जांच से यह समस्या दूर हो सकती है.