आज से परिवहन क्षेत्र में भी एक अहम सुविधा शुरू हो गई है. Ministry of Road Transport and Highways और NHAI की. देशभर में हाईवे टोल भुगतान को और तेज, आसान और सस्ता बनाने के लिए सरकार 15 अगस्त 2025 से FASTag Annual Pass लॉन्च कर दी है. यह पास फिलहाल केवल प्राइवेट नॉन-कमर्शियल वाहनों, जैसे कार, जीप और वैन, के लिए उपलब्ध होगा.
FASTag सिस्टम की शुरुआत 2014 में National Electronic Toll Collection (NETC) के तहत हुई थी, जिसमें Radio Frequency Identification (RFID) तकनीक का इस्तेमाल करके कैशलेस टोल पेमेंट संभव हुआ. अब इसी सिस्टम में वार्षिक पास जोड़कर लंबे सफर को और भी सुगम बनाया जाएगा.
सरकारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, वार्षिक पास की कीमत ₹3000 है. यह या तो एक साल के लिए या 200 टोल क्रॉसिंग्स के लिए मान्य (जो भी पहले पूरा हो) है. खास बात यह है कि यह सीमा सभी नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर लागू होगी, चाहे वहां का टोल चार्ज कितना भी हो.
वार्षिक पास लेने के लिए FASTag में केवल चेसिस नंबर पंजीकृत होने पर यह जारी नहीं होगा. वाहन मालिक को अपना Vehicle Registration Number (VRN) अपडेट करना अनिवार्य होगा.
इसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो, KYC दस्तावेज, पहचान पत्र और पता प्रमाण देना होगा.
FASTag को ऑफलाइन टोल प्लाजा, बैंक ब्रांच और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से खरीदा जा सकता है. ऑनलाइन खरीददारी के लिए Paytm Payments Bank, ICICI Bank, HDFC Bank जैसी बैंक पोर्टल्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
हालांकि, वार्षिक पास को Rajmargyatra मोबाइल ऐप और NHAI वेबसाइट से ही सक्रिय किया जा सकता है. आवेदन करने के बाद पात्रता की जांच होगी और ₹3000 का भुगतान करने के 2 घंटे के भीतर पास सक्रिय हो जाएगा.
एक बार एक्टिवेट होने के बाद, पास एक साल या 200 ट्रिप तक वैध रहेगा. इसके बाद यह स्वतः सामान्य FASTag में बदल जाएगा. पास का लाभ जारी रखने के लिए उपयोगकर्ता को पुनः एक्टिवेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
ट्रिप की काउंटिग प्वाइंट बेस्ड टोल प्लाजा पर प्रत्येक क्रॉसिंग को एक ट्रिप गिना जाएगा. जबकि क्लोज़्ड टोलिंग में एंट्री और एग्ज़िट का एक जोड़ा एक ट्रिप माना जाएगा.
यह भी पढ़ें: WhatsApp यूजर्स सावधान! आज ही ऑफिस लैपटॉप में इस्तेमाल करना कर दें बंद, भारत सरकार ने दी चेतावनी