नकली ‘परिवहन सॉफ्टवेयर’ से देशभर में हो रही ऑनलाइन ठगी.. हो जाएँ सावधान, लुट न जाए बरसों की कमाई

Updated on 21-Jul-2025
HIGHLIGHTS

देश में इस समय Fake Parivahan Software Scam का सीजन चल रहा है.

हालाँकि, केवल पुलिस ने उत्तर प्रदेश से इस ममाले से जुड़े एक गिरोह को गिरफ्तार किया है.

हालाँकि, बचने के लिए कैसे इस तरह के स्कैम आदि को स्पॉट करें और क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए, आइये जानते हैं.

Cyber Fraud Alert Online: सभी जानते है कि देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी और लूटपाट के बहुत से मामले पिछले कुछ समय में सामने आये हैं. आये दिन कोई न कोई ऑनलाइन फ्रॉड का मामला सामने आता ही है. ऑनलाइन क्राइम करने वाले लोग (जिन्हें साइबर स्कैमर आदि के नाम से भी जाना जाता है) नए नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बनाकर उन्हें लूटते हैं. एक ऐसा ही नया मामले सामने आ रहा है. जहां Fake Parivahan Software से आम जानते और भोले भाले लोगों को लूटा जा रहा था. हालाँकि, देशभर में चल रहे इस स्कैम के लिए जिम्मेदार एक गिरोह को Kochi Cyber Crime Police Division की और से उत्तर प्रदेश के Varanasi से गिरफ्तार किया है.

कैसे लोगों को बनाया जा रहा था निशाना

जानकारी के लिए बता देते है कि ये गिरोह आमभोले भाले लोगों को WhatsApp के माध्यम से एक फेक एंड्राइड पैकेज किट APK File भेज रहे थे. यह लोगों को यह कहकर फंसा रहे थे कि उनका व्हीकल फाइन जमा नहीं हुआ है. पुलिस ने इन APK Files को लेकर कहा है कि इन्हें मोबाइल एप्लीकेशन इनस्टॉल करने के काम में लिया जा रहा था. इसका मतलब है कि WhatsApp पर मैसेज कर करके यह लोगों को अपना निशाना बना रहे थे.

किस तरह किया जा रहा था ये ऑनलाइन फ्रॉड

पुलिस ने जानकारी दी है कि एक Telegram Bot के माध्यम से यह किसी के भी व्हीकल की डिटेल्स को प्राप्त कर लेते थे. इसके बाद यह लोगों को मैसेज भेज भेज कर लूटपाट कर रहे थे. हालाँकि, एक व्यक्ति की और से जब नेशनल साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफार्म (NCRP) पर एक मामले की शिकायत की गई तो पुलिस सचेत हुई और मामले की जांच में जुट गई. ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुए विक्टिम का कहना है कि उससे धोखा देकर लगभग लगभग 85000 रुपये की लुट हुई, जो एक फर्जी Parivahan Software के माध्यम से की गई थी.

साइबर क्रिमिनल्स के पास से लगभग लगभग 2700 व्हीकल्स की डिटेल्स भी मिली हैं, इसमें देश के बहुत से राज्यों के वाहन शामिल हैं. जानकारी के अनुसार उनके पास केरल, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडू से लेकर वेस्ट बंगाल आदि के भी वाहनों आदि की भी डिटेल्स थी.

APK Files का शिकार होने से कैसे बचे?

आइये जानें कि कैसे आप किसी भी APK File से होने वाले नुकसान से अपना बचाव कर सकते हैं.

सबसे पहले किसी भी अनजान सोर्स से प्राप्त हुई किसी भी ऐप्स और फाइल्स को डाउनलोड न करें. खासकर उस समय आपको ज्यादा सतर्क हो जाना चाहिए, जब आपसे कुछ करने के लिए कहा जा रहा हो. हालाँकि, इसके उलट आपको केवल और केवल ट्रस्टेड सूत्रों से ही ऐप्स और फाइल्स को लेना चाहिए.
अपने फोन को समय समय पर रीस्टार्ट करना भी एक अच्छा आप्शन हो सकता है. ऐसा करने से कोई भी समस्या आपके फोन को लम्बे समय के लिए प्रोसेस नहीं कर पाती है.
अगर आपको अपने बैंक अकाउंट के साथ कुछ भी अलग महसूस हो रहा तो आपको उसी समय अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए.
अगर आपको ऑनलाइन किसी भी धोखाधड़ी का पता चलता है कि आपको cybercrime.gov.in पर जाकर National Cyber Crime Reporting Portal पर इसकी शिकायत करनी चाहिए.
विक्टिम इसके अलावा 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी असिस्टेंस के लिए पूछ सकते हैं.
इसके अलावा SancharSathi Portal का इस्तेमाल करके भी आप साइबर फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं.

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life.

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