भारत में इंटरनेट की दुनिया एक नई क्रांति के मुहाने पर खड़ी है और इस क्रांति का नाम है सैटेलाइट इंटरनेट. Elon Musk की कंपनी स्टारलिंक (Starlink) इस नई टेक्नोलॉजी को भारत में लाने के लिए पूरी तरह तैयार है और उसे सरकार से लगभग सभी जरूरी मंजूरियां भी मिल चुकी हैं.
अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर यह सर्विस कब शुरू होगी, इसका कनेक्शन लगवाने में कितना खर्च आएगा और हमें स्पीड कितनी मिलेगी? अगर आपके मन में भी यही सवाल हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं. आइए, स्टारलिंक के भारतीय प्लान के बारे में अब तक की सभी जानकारी पर एक नजर डालते हैं.
सबसे बड़ा सवाल यही है कि Starlink भारत में कब लॉन्च होगा? आपको बता दें कि स्टारलिंक ने भारत में अपना ऑपरेशन शुरू करने के लिए लगभग सभी जरूरी अप्रूवल हासिल कर लिए हैं. अब सिर्फ कुछ आखिरी औपचारिकताएं बाकी हैं, जैसे SATCOM गेटवे के लिए मंजूरी और नेटवर्क उपकरणों के लिए लाइसेंस हासिल करना.
जानकारों का मानना है कि इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा होने में कुछ महीने लग सकते हैं. ऐसे में, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि स्टारलिंक की सर्विस का फुल-फ्लेज्ड लॉन्च 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में हो सकता है. यह उन लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है जो आज भी देश के दूर-दराज के इलाकों में अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए तरस रहे हैं.
अब बात करते हैं कीमत की. यह समझना जरूरी है कि सैटेलाइट इंटरनेट एक प्रीमियम टेक्नोलॉजी है, इसलिए इसकी कीमत आपके मौजूदा फाइबर ब्रॉडबैंड से ज्यादा होगी. रिपोर्ट्स की मानें तो इसके लिए आपको महीने के 3300 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं.
हालांकि, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि ये कीमतें अभी सिर्फ अनुमानों पर आधारित हैं, और असली कीमतें लॉन्च के समय ही पता चलेंगी.
स्टारलिंक की स्पीड भी काफी प्रभावशाली होने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि यह सर्विस 25Mbps से लेकर 225Mbps तक की इंटरनेट स्पीड ऑफर करेगी. इसके बेस प्लान्स में लगभग 25 से 50Mbps की स्पीड मिल सकती है.
अब सवाल यह है कि यह सर्विस किसके लिए है? कीमत और स्पीड को देखते हुए, यह साफ है कि शहरी क्षेत्रों में, जहां पहले से ही सस्ता फाइबर इंटरनेट उपलब्ध है, शायद यह उतना हिट न हो. लेकिन, इसका सबसे बड़ा असर देश के उन दूर-दराज और ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलेगा, जहां आज भी कोई नेटवर्क नहीं है. हालांकि, शुरुआत में हर कोई इसका कनेक्शन नहीं ले पाएगा. भारत सरकार ने स्टारलिंक के लिए देश में कनेक्शन्स की ऊपरी सीमा तय की है, जिसके अनुसार स्टारलिंक फिलहाल भारत में सिर्फ 20 लाख कनेक्शन ही दे सकता है.