हाल के वर्षों में, भारत में बैंकिंग और फाइनेंशियल फ्रॉड कॉल्स के मामले तेजी से बढ़े हैं. स्कैमर्स खुद को बैंक अधिकारी या सरकारी प्रतिनिधि बताकर लोगों को धमकाते हैं. स्कैमर्स धमकी देते हैं कि, आपका अकाउंट बंद हो जाएगा या आपकी KYC फेल हो गई है और फिर उनसे OTP, PIN या खाता जानकारी निकलवाने की कोशिश करते हैं.
ऐसे में आम यूजर के पास यह जांचने का कोई विश्वसनीय तरीका नहीं होता कि सामने वाला वास्तव में बैंक से है या कोई धोखेबाज. इसी समस्या को हल करने के लिए अब डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने एक बेहद उपयोगी डिजिटल सिस्टम लॉन्च किया है.
DoT ने इस हफ्ते घोषणा की कि उसने अपने Sanchar Saathi Portal में एक Financial Institution Verification Feature जोड़ा है. इस सिस्टम के जरिए कोई भी व्यक्ति यह जांच सकता है कि किसी बैंक या संस्था से मिला ईमेल, फोन नंबर या वेबसाइट लिंक असली है या नहीं.
बस आपको संचार साथी फाइनेंशियल वेरिफिकेशन पोर्टल पर जाना है और वहां सर्च बॉक्स में कुछ जानकारी डालनी है. इसमें आपको बैंक या संस्था का नाम, वेबसाइट, ईमेल आईडी, मोबाइल या टोल-फ्री नंबर जैसी जानकारी डालनी होती है. अगर जानकारी सही है तो पोर्टल उस बैंक की ऑफिशियल डिटेल्स दिखाता है. इसमें वेबसाइट, ईमेल, फोन नंबर, WhatsApp कॉन्टैक्ट और ग्राहक सेवा नंबर शामिल हैं.
मान लीजिए किसी ने आपको फोन करके कहा कि वो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से बोल रहा है और आपके खाते की KYC दोबारा करनी है. अब आप इस पोर्टल पर जाकर उस फोन नंबर को डालकर जांच सकते हैं कि क्या यह वास्तव में SBI का आधिकारिक नंबर है. अगर नंबर लिस्ट में नहीं आता, तो यह लगभग निश्चित है कि कॉल फर्जी है. इसी तरह अगर आपको कोई ईमेल या वेबसाइट लिंक संदिग्ध लगे, तो आप उसी पेज पर जाकर उसकी सत्यता जांच सकते हैं.
DoT ने इस पहल को ‘Empowering Citizens with Safe Digital Choices’ टैगलाइन के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर प्रमोट किया. उसने नागरिकों को सलाह दी है कि “सोचिए, फिर शेयर कीजिए. धोखेबाज़ अक्सर खुद को भरोसेमंद संस्थानों से बताकर लोगों को गुमराह करते हैं. किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले #SancharSaathi पर सत्यापन करें.”
इस लिंक से सीधे पोर्टल पर जाया जा सकता है. https://www.sancharsaathi.gov.in/FinancialInstitutions/fiHome.jsp
हालांकि, यह कदम सराहनीय है, लेकिन अभी पोर्टल पूरी तरह से परिपूर्ण नहीं है. कई प्रमुख निजी बैंकों जैसे ICICI Bank, Axis Bank और HDFC Bank की जानकारी अधूरी है.
कई जगहों पर WhatsApp नंबर, कस्टमर केयर ईमेल, या हेल्पलाइन डिटेल्स अनुपलब्ध हैं.
इसके अलावा, बड़े नियामक निकाय जैसे SEBI (Securities and Exchange Board of India) और RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) की जानकारी सर्च करने पर कोई रिजल्ट नहीं दिखता है. यह दर्शाता है कि सरकार को अब इस डेटाबेस को और विस्तृत करने की आवश्यकता है.
फर्जी बैंक कॉल्स और लिंक के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह पोर्टल आम नागरिकों के लिए साइबर सेफ्टी का नया हथियार साबित हो सकता है. हालांकि, डेटा अभी अधूरा है, लेकिन यह पहल आने वाले समय में लाखों लोगों को ठगी से बचा सकती है.मअगर आप किसी कॉल, ईमेल या वेबसाइट को लेकर ज़रा भी असमंजस में हैं तो अब सिर्फ एक क्लिक से उसकी सच्चाई जांच सकते हैं.
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