BSNL के नेटवर्क को लेकर अक्सर शिकायतें सुनने को मिलती हैं, खासकर दूर-दराज के इलाकों में. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही सरकारी कंपनी एक ऐसा फोन भी बेचती है जो वहां भी काम करता है जहां किसी कंपनी का टॉवर नहीं पहुंच पाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं BSNL के एक खास फोन की.
इसका नाम आपने पहले भी सुना होगा. यह सैटेलाइट फोन होता है. BSNL का यह फोन करीब 90,000 रुपये का आता है और बिना किसी मोबाइल नेटवर्क के कहीं भी कॉल करने की सुविधा देता है. आइए, जानते हैं कि यह फोन किसके लिए है, इसके प्लान्स कितने के हैं, और कब तक यह टेक्नोलॉजी आम स्मार्टफोन यूजर्स तक पहुंच सकती है.
आपको बता दें कि यह कोई आम स्मार्टफोन नहीं, बल्कि एक सैटेलाइट फोन है. यह डिवाइस पारंपरिक सेल टॉवर्स को बायपास करके सीधे अंतरिक्ष में घूम रहे सैटेलाइट्स से जुड़ते हैं, जिससे वॉयस और डेटा ट्रांसमिशन संभव हो पाता है. BSNL इस क्षेत्र में Inmarsat कंपनी का IsatPhone 2 मॉडल उपलब्ध कराता है.
रिपोर्ट के अनुसार इस खास फोन की कीमत लगभग ₹90,000 है. इसे खास तौर पर उन क्षेत्रों के लिए डिजाइन किया गया है जहां स्टैंडर्ड नेटवर्क की पहुंच नहीं है. इसकी खासियतें भी कुछ वैसी ही हैं, यह रफ हैंडलिंग झेल सकता है, पानी से खराब नहीं होता और इसकी बैटरी बहुत लंबी चलती है, जो इसे मुश्किल परिस्थितियों के लिए एक भरोसेमंद साथी बनाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या आप भी यह फोन खरीद सकते हैं? तो इसका जवाब है – शायद नहीं. यह फोन आम उपभोक्ताओं के लिए नहीं है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से रक्षा बलों, आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों, सीमा गश्ती दलों और दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स द्वारा किया जाता है.
इसे खरीदने का प्रोसेस भी अलग है. यह ई-कॉमर्स साइट्स पर नहीं मिलता, बल्कि इसे सीधे BSNL मुख्यालय या उसके समर्पित सैटेलाइट डिविजन से आवेदन करके ही खरीदा जा सकता है.
इस डिवाइस के साथ खास सब्सक्रिप्शन प्लान्स भी आते हैं. BSNL के मुताबिक, कमर्शियल यूजर्स के लिए मंथली प्लान ₹5,600 का और सालाना प्लान ₹61,600 का है. वहीं, सरकारी संस्थाओं के लिए ये दरें कम हैं – ₹3,360 प्रति माह या ₹36,960 सालाना.
तो क्या आम लोगों को कभी ऐसी सुविधा नहीं मिलेगी? इसका जवाब है – मिलेगी, और शायद बहुत जल्द! BSNL, S2D, यानी सैटेलाइट-टू-डिवाइस कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. यह एक ऐसी कमाल की टेक्नोलॉजी है जो सैटेलाइट्स को सीधे आपके साधारण मोबाइल या कनेक्टेड गैजेट्स से जुड़ने की सुविधा देगी, और इसके लिए किसी भारी-भरकम इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होगी.
सीधे शब्दों में कहें, तो एक कम्पैटिबल स्मार्टफोन बिना किसी टॉवर के सपोर्ट के मैसेज या अलर्ट भेज सकेगा. BSNL ने 2024 में ही इसके सफल टेस्ट कर लिए थे. उम्मीद है कि इसकी शुरुआत टेक्स्ट मैसेज और इमरजेंसी सिग्नल से होगी, और बाद में इसे फुल कॉल्स और इंटरनेट तक बढ़ाया जा सकता है. आम उपभोक्ताओं के लिए इसकी उपलब्धता 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक होने की उम्मीद है.
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