बारिश के बाद की चिपचिपी गर्मी हो जाएगी छू.. घर लें आइए ये छोटू डिवाइस, कूलर-पंखे के साथ भी करेगा काम

Updated on 18-Jun-2025

बारिश के बाद मौसम में जो चिपचिपी गर्मी आती है, वो न सिर्फ पसीना छुड़ा देती है बल्कि नींद और चैन भी हराम कर देती है. इस ‘उमस वाली गर्मी’ में न तो पंखा सुकून देता है और न ही कूलर राहत दे पाता है. इसमें AC एक अच्छा ऑप्शन है लेकिन सबके घर में इसका होना और बिजली बिल का खर्च बढ़ना इसे महंगा सौदा बना देता है. ऐसे में आपके काम आएगा एक छोटा डिवाइस Dehumidifier.

यहां हम आपको बताएंगे कि डिह्यूमिडिफायर क्या होता है, यह कैसे काम करता है और बाकी डिटेल्स. लेकिन सबसे पहले समझिए कि डिह्यूमिडिफायर क्या होता है? आपको बता दें कि डिह्यूमिडिफायर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो हवा में मौजूद अत्यधिक नमी (humidity) को खींचकर कमरे को सूखा और ठंडा बना देता है.

जब बारिश के बाद मौसम में नमी भर जाती है, तब यही नमी हमारे पसीने को सुखने नहीं देती और शरीर चिपचिपा रहता है. यही नमी घर की दीवारों, फर्नीचर, कपड़ों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी नुकसान पहुंचाती है. ह्यूमिडिटी लेवल अगर 60% से ऊपर चला जाए तो ये न सिर्फ असहज होता है, बल्कि फंगल ग्रोथ, बदबू, एलर्जी जैसी समस्याओं को जन्म देता है. ऐसे में डिह्यूमिडिफायर इसे कंट्रोल में रखता है.

कैसे करता है काम?

डिह्यूमिडिफायर में एक फैन और कूलिंग कॉइल सिस्टम होता है. यह कमरे की हवा को अंदर खींचता है, जहां वो ठंडी कॉइल्स से गुजरती है. इस प्रोसेस में हवा में मौजूद नमी वॉटर डॉपलेट में बदल जाती है और एक टैंक में जमा हो जाती है. इसके बाद ड्राई हवा को दोबारा कमरे में भेजा जाता है. यानी इसका फंडा सीधा है, कम नमी मतलब कम चिपचिपाहट और ज्यादा ठंडक.

क्यों जरूरी है उमस में?

बारिश के बाद का मौसम यानी ‘पोस्ट-मॉनसून’ टाइम बेहद नमी भरा होता है. ऐसे में डिह्यूमिडिफायर बहुत से फायदों के साथ आता है. इससे चिपचिपाहट से राहत मिलती है. इसके अलावा पसीना नहीं सूखने, नींद नहीं आने जैसी दिक्कतों को भी दूर करता है. घर के कोनों में काई, सीलन और बदबू कम होती है. एलर्जी, अस्थमा या साइनस वालों के लिए यह वरदान से कम नहीं है. लकड़ी फूले नहीं, उपकरण खराब न हों, इसके लिए नमी हटाना जरूरी है.

कूलर या पंखे को देता है बूस्टर

जब हवा सूखी हो तो फैन और कूलर की ठंडक ज्यादा असर करती है. इसकी कीमत की बात करें तो अच्छा डिह्यूमिडिफायर लेने के लिए आपको 6 हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. भारत में डिह्यूमिडिफायर अभी नया ट्रेंड है, लेकिन अब कई कंपनियां इसे बना रही हैं. इसमें Philips, Sharp Air या Havells जैसे ब्रांड्स शामिल हैं.

इंस्टॉलेशन और सेटअप

डिह्यूमिडिफायर की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई ड्रिलिंग या हैवी इंस्टॉलेशन नहीं होता है. इसे जैसे ही घर लाएं, बस एक फ्लैट सतह पर रखिए और प्लग इन करिए. कई डिह्यूमिडिफायर में वॉटर टैंक को रोज 1-2 बार खाली करना पड़ता है. जबकि कुछ मॉडल्स में पाइप मिलता है जिससे पानी सीधे बाहर निकाला जा सकता है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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