एयर प्यूरीफायर खरीदने जा रहे हैं? घर लाने से पहले जान लें ये ज़रूरी बातें!

Updated on 31-Oct-2025

सर्दियों के मौसम में देश के कई हिस्सों में हवा इतनी प्रदूषित हो जाती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है। खासकर दिल्ली-NCR जैसे इलाकों में AQI (Air Quality Index) ऐसे समय में खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है। इस जहरीली हवा का सबसे बुरा असर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोगों पर पड़ता है। ऐसे में घर में एक एयर प्यूरीफायर रखना अब लग्जरी नहीं बल्कि जरूरत बन चुका है। अगर आप भी इस अपने घर में हवा को शुद्ध करना चाहते हैं तो आपको एयर प्यूरीफायर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि आपको एयर प्यूरीफायर को खरीदते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्मॉग नहीं, जहर है ये

अक्सर लोग स्मॉग को सिर्फ धुंध समझ लेते हैं, जबकि असल में ये हवा में मौजूद बेहद छोटे-छोटे जहरीले कण होते हैं। ये फेफड़ों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं और एलर्जी, अस्थमा व सांस की बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में एक अच्छा एयर प्यूरीफायर घर के अंदर की हवा को साफ रखता है और परिवार को प्रदूषण के खतरे से बचाता है।

असली HEPA फिल्टर को पहचानें

एयर प्यूरीफायर का सबसे अहम हिस्सा उसका HEPA Filter (H13 या H14) होता है। यह हवा में मौजूद 99.97% तक धूल, धुआं, परागकण और PM2.5 जैसे सूक्ष्म कणों को रोक लेता है। इसलिए ध्यान रखें कि आपके डिवाइस में True HEPA Filter ही लगा हो।

CADR रेटिंग क्यों जरूरी है

CADR (Clean Air Delivery Rate) बताता है कि प्यूरीफायर कितनी तेजी से हवा को साफ करता है। जितनी अधिक CADR रेटिंग होगी, उतनी जल्दी आपका कमरा प्रदूषण मुक्त होगा। भारत जैसे देशों में ऐसा एयर प्यूरीफायर चुनें जिसकी CADR आपके कमरे के साइज से थोड़ा ज्यादा हो।

कमरे के साइज से मैच करें

हर एयर प्यूरीफायर की एक कवरेज एरिया रेंज होती है। अगर आपका कमरा 200 वर्ग फुट का है, तो कम से कम 250 वर्ग फुट तक की क्षमता वाला मॉडल लें ताकि हवा पूरी तरह साफ हो सके।

फिल्टर बदलने का खर्च जानें

ज्यादातर एयर प्यूरीफायर में फिल्टर को हर 6 से 12 महीने में बदलना पड़ता है। खरीदने से पहले यह जरूर जांचें कि फिल्टर की कीमत कितनी है और वह आसानी से उपलब्ध है या नहीं। कुछ इम्पोर्टेड मॉडल्स के फिल्टर महंगे और मुश्किल से मिलने वाले होते हैं।

स्मार्ट और साइलेंट ऑपरेशन

आजकल कई प्यूरीफायर में PM2.5 सेंसर, ऑटो मोड, और लो नॉइज़ लेवल जैसे फीचर्स मिलते हैं। कुछ मॉडल्स ऐप कंट्रोल या Alexa/Google Assistant से भी चलते हैं। यानी आप बेड पर बैठे-बैठे ही अपने प्यूरीफायर को ऑन या ऑफ कर सकते हैं।

बिजली की कम खपत के साथ आसान मेंटेनेंस

एक अच्छा एयर प्यूरीफायर कम बिजली खर्च करता है और साफ करने में आसान होता है। फिल्टर की नियमित सफाई करने से उसकी लाइफ बढ़ती है और परफॉर्मेंस भी बेहतर रहती है।

सर्दियों में जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है, तब एयर प्यूरीफायर आपके परिवार के लिए सबसे जरूरी डिवाइस बन जाता है। यह फेफड़ों की सेहत को सुरक्षित रखता है, इसके अलावा आपके घर की हवा को संस लेने लायक बनाता है।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life.

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