Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही पलों के बाद लंदन जा रहा एयर इंडिया का Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लाइट AI-171 में कुल 242 लोग सवार थे. जिसमें 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर शामिल थे. यह विमान दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरते ही MAYDAY सिग्नल भेजते हुए मेघाणी नगर क्षेत्र में जोरदार धमाके के साथ क्रैश हो गया.
कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर इस फ्लाइट को कमांड कर रहे थे. DGCA ने पुष्टि की है कि विमान महज 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था, जिसके बाद वह आग का गोला बनकर जमीन पर गिर गया. हादसे के तुरंत बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया और अब जांच एजेंसियों की प्राथमिकता है विमान के ब्लैक बॉक्स को ढूंढ़ना, जो इस त्रासदी की सच्चाई को उजागर कर सकता है.
ब्लैक बॉक्स विमान हादसों में सबसे निर्णायक भूमिका निभाता है. इसमें दो उपकरण होते हैं – फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR). FDR से विमान की उड़ान के दौरान की हर तकनीकी जानकारी जैसे इंजन की स्थिति, स्पीड, ऊंचाई, कंट्रोल इनपुट, फ्लाइट पाथ और ऑटोमैटिक चेतावनियों के रिकॉर्ड्स मिलते हैं.
CVR में पायलटों की बातचीत, रेडियो सिग्नल्स, अलार्म और किसी भी तरह की बैकग्राउंड आवाजें रिकॉर्ड होती हैं. इन दोनों डिवाइस की मदद से जांचकर्ता पल-पल की गतिविधियों को दोबारा समझ सकते हैं, जैसे कि उड़ान के समय कोई यांत्रिक खराबी थी या मानव त्रुटि.
रिपोर्ट के मुताबिक, DGCA के रिकॉर्ड्स से पता चला है कि पायलट्स ने MAYDAY कॉल दिया था, यानी आपातकालीन स्थिति की घोषणा. इस कॉल के तुरंत बाद विमान नीचे गिरा. इससे यह आशंका बढ़ी है कि तकनीकी खराबी या इंजन फेल्योर मुख्य कारण हो सकते हैं.
जांच एजेंसियां अब ब्लैक बॉक्स के जरिए यह जानने की कोशिश करेंगी कि:
‘ब्लैक बॉक्स’ असल में नारंगी रंग के क्रैश-प्रूफ डिवाइस होते हैं, जिन्हें भारी आग, पानी, दबाव और टक्कर झेलने के लिए डिजाइन किया जाता है. यह 25 घंटे तक की उड़ानों का डेटा स्टोर कर सकते हैं, जिससे कई बार पुराने फ्लाइट्स में शुरू हुई गड़बड़ियों की भी पहचान हो जाती है.
भारत में इससे पहले 2020 के कोझिकोड हादसे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्मनविंग्स व मलेशियन एयरलाइंस हादसों की गुत्थियां भी इन्हीं रिकॉर्डर्स की मदद से सुलझाई गई थीं. अभी बचाव टीमें ब्लैक बॉक्स की खोज में लगी हैं और जब तक यह मिल नहीं जाता, तब तक इस दिल दहला देने वाले हादसे की असल वजह सामने नहीं आ पाएगी.
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