जैसे ही गर्मी कम होती है और मानसून की पहली बूंदें पड़ती हैं, घर में कूलर की जरूरत बढ़ जाती है। हालांकि, जिन भी लोगों के पास AC और कूलर आदि नहीं होता है, उनके लिए गर्मी से निजात पाना पहले ही चुनौतीपूर्ण होता है। मानसून में उमस और चिपचिपाहट इस समस्या को और बढ़ा देती है। कूलर चलाने से राहत तो मिलती है, लेकिन अत्यधिक नमी के कारण कमरा भारी और असहज हो जाता है। ऐसे में कूलर बंद करना मुमकिन नहीं, और न ही इस गीलेपन के साथ चैन से रहा जा सकता है। लेकिन चिंता न करें! आज हम आपको 3 बेहद ही सस्ते और प्रभावी तरीके बताएंगे, जो आपके कूलर से होने वाली उमस को दूर कर घर को फ्रेश और शिमला वाली कूलिंग से भर देने वाले हैं।
मानसून में कूलर की उमस से बचाव: 3 जादुई उपाय
मानसून में उमस को कम करने के लिए खाने का सोडा (बेकिंग सोडा) एक शानदार उपाय है। इसके लिए एक छोटा कपड़ा लें, उसमें 2-3 चम्मच बेकिंग सोडा डालकर पोटली बना लें, अब इस पोटली को घर में किसी भी स्थान पर या तो रख दें या टांग दें, ऐसा करने से कूलर से होने वाली नमी को यह सोख लेगा और आपको फ्रेश और ठंडी हवा मिलनी शुरू हो जाएगी। यह तरीका आसान और प्रभावी है, तो आज ही इसे आजमाएं!
अक्सर लोग मानसून में या तो कूलर चलाते हैं या पंखा, लेकिन दोनों का संयोजन कमरे की हवा को बेहतर कर सकता है। कूलर के साथ पंखा या एग्जॉस्ट फैन चलाने से हवा का संचार बढ़ता है और उमस कम होती है। साथ ही, अगर आपके कमरे में खिड़की है, तो इसे पूरी तरह बंद न रखें। थोड़ा सा खुला रखने से बाहर की ताजी हवा अंदर आएगी और नम हवा बाहर निकल जाएगी, जिससे कमरा हल्का और साफ महसूस होगा।
कूलर को सही तरीके से चलाने से भी उमस पर काबू पाया जा सकता है। सबसे पहले, इसे फुल स्पीड में चलाएं। अगर उमस बहुत ज्यादा है, तो कूलर में पानी न डालें, इसे सूखा ही चलने दें। मानसून में वातावरण पहले से ही नम होता है, और पानी के साथ कूलर चलाने से नमी और बढ़ सकती है। सूखा चलाने से हवा में नमी कम होगी और कमरा ठंडा भी रहेगा।
कूलर को और प्रभावी बनाने के लिए इसे खिड़की या दरवाजे के पास रखें, ताकि बाहर की हवा भी कमरे में प्रवेश कर सके। इससे कूलर की हवा में प्राकृतिक ठंडक जुड़ जाएगी और गर्मी का अहसास नहीं होगा। यह छोटा बदलाव आपके घर को एसी जैसे आरामदायक बना सकता है, भले ही आपके पास एसी न हो।
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