क्या प्यार में पागलपन होना जायज है? या जब प्यार ‘जुनून’ की हदें पार कर जाए, तो वह विनाशकारी बन जाता है? अगर आप बॉलीवुड की उन पुरानी फिल्मों के दीवाने हैं जिनमें हीरो हीरोइन के लिए दुनिया जला देने की बात करता था, तो आपके लिए एक नई फिल्म आ गई है. ‘एक दीवाने की दीवानियत’ (Ek Deewane Ki Deewaniyat) अब आपके ड्राइंग रूम में दस्तक दे चुकी है.
मिलाप ज़वेरी द्वारा लिखित और निर्देशित यह फिल्म एक ऐसी प्रेम कहानी है जो मीठी शुरुआत के बाद एक खतरनाक मोड़ ले लेती है. हर्षवर्धन राणे (Harshvardhan Rane) और सोनम बाजवा (Sonam Bajwa) की केमिस्ट्री और इंटेंस एक्टिंग ने इस फिल्म को चर्चा का विषय बना दिया है. अगर आपने इसे सिनेमाघरों में मिस कर दिया था, तो अब आपके पास इसे ZEE5 पर देखने का मौका है. आइए जानते हैं कि इस ‘दीवानियत’ में ऐसा क्या खास है.
अक्टूबर में सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद, यह फिल्म अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. यह फिल्म ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है. इसे देखने के लिए आपके पास ZEE5 का एक्टिव सब्सक्रिप्शन होना चाहिए. फिल्म अब लाइव है, यानी आप इसे अभी देख सकते हैं.
मिलाप ज़वेरी की फिल्मों की तरह, इस फिल्म की कहानी भी हाई-वोल्टेज ड्रामा से भरपूर है. फिल्म एक राजनेता विक्रमादित्य (हर्षवर्धन राणे) के इर्द-गिर्द घूमती है. वह एक रसूखदार और पावरफुल इंसान है. दूसरी तरफ है अदा (सोनम बाजवा), जो एक स्वतंत्र विचारों वाली (Free-spirited) लड़की है.
कहानी तब बदलती है जब विक्रमादित्य को अदा से प्यार हो जाता है. शुरुआत में सब कुछ एक सामान्य रोमांस जैसा लगता है, लेकिन जल्द ही विक्रमादित्य का ‘जहरीला पक्ष’ (Toxic Side) सामने आने लगता है.
अहंकार और प्रेम: उसका प्यार एक ‘जुनून’ (Obsession) में बदल जाता है. फिल्म में अहंकार और प्रेम के बीच का टकराव दिखाया गया है. बात इतनी बिगड़ जाती है कि वह अदा को एक महीने के भीतर शादी करने का अल्टीमेटम दे देता है. फिल्म यह सवाल पूछती है कि भक्ति (Devotion) और पागलपन (Madness) के बीच की महीन रेखा कहां है?
हर्षवर्धन राणे: ‘सनम तेरी कसम’ के बाद हर्षवर्धन ने एक बार फिर साबित किया है कि वे इंटेंस और ब्रोडी (Broody) किरदारों के लिए बने हैं. एक प्रेमी से एक जुनूनी सनकी बनने का उनका सफर देखने लायक है.
सोनम बाजवा: पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की सुपरस्टार सोनम बाजवा ने अदा के किरदार में जान डाल दी है. उनकी खूबसूरती और अभिनय ने फिल्म को एक सॉफ्ट टच दिया है.
सपोर्टिंग कास्ट: फिल्म में सचिन खेडेकर और शाद रंधावा जैसे अनुभवी कलाकार भी हैं, जिन्होंने कहानी को मजबूती दी है.
फिल्म का लेखन मुश्ताक शेख और मिलाप ज़वेरी ने किया है. मिलाप ज़वेरी को ‘मरजावां’ और ‘सत्यमेव जयते’ जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. उनकी शैली इस फिल्म में भी साफ झलकती है भारी डायलॉग्स, इमोशनल सीन्स और हाई ड्रामा. फिल्म का संपादन माहिल ज़वेरी ने किया है, जिन्होंने कहानी की रफ्तार को बनाए रखने की कोशिश की है.
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