OTT पर एक से बढ़कर एक वेब-सीरीज और फिल्में आती रहती हैं. कई दमदार वेब-सीरीज तो पहले से ही OTT पर मौजूद हैं. जिनको IMDb पर भी 8 से ज्यादा रेटिंग मिली है. इन वेब-सीरीज की अच्छी बात है कि एक बार देखने के बाद आपको दोबारा देखने का मन करता है. यहां पर आपको SonyLIV पर मौजूद टॉप वेब-सीरीज के बारे में बता रहे हैं.
Gullak एक दिल को छू लेने वाला फैमिली ड्रामा है जो एक छोटे शहर में रहने वाले एक मिडिल-क्लास परिवार, मिश्रा परिवार के इर्द-गिर्द घूमता है. उनके खुशी के पल, रोज की चुनौतियां और इमोशनल बॉन्ड्स को एक मिट्टी का गुल्लक नैरेट करता है. चार सीजन वाली इस सीरीज में Jameel Khan, Geetanjali Kulkarni, Vaibhav Raj Gupta और Harsh Mayar हैं.
SonyLIV के बेस्ट ओरिजिनल शोज में से एक माने जाने वाले Hansal Mehta का Scam 1992. The Harshad Mehta Story एक बायोग्राफिकल फाइनेंस थ्रिलर है, जो 1992 के 30,000 करोड़ रुपये के भारतीय स्टॉक मार्केट स्कैम पर आधारित है. यह दिलचस्प वेब सीरीज हर्षद मेहता उर्फ ‘BSE के बच्चन’ की फर्श से अर्श तक की जिंदगी को दिखाती है. हर्षद का तेजी से बढ़ना अंततः उसके पतन का कारण बना, जिसका खुलासा फाइनेंशियल जर्नलिस्ट सुचेता दलाल ने किया. उन्होंने मेहता को भारत के सबसे बड़े फाइनेंशियल स्कैम का मास्टरमाइंड बताया, जिसमें अन्य प्रभावशाली स्टॉकहोल्डर्स भी शामिल थे.
Rocket Boys एक इंटरनेशनल एमी-नॉमिनेटेड बायोग्राफिकल वेब सीरीज है जो भारत के पहले न्यूक्लियर वेपन टेस्ट का वर्णन करती है. हम भारत के एक न्यूक्लियर नेशन बनने के इस ऐतिहासिक मील के पत्थर को प्रसिद्ध भारतीय फिजिसिस्ट्स डॉ. होमी जे. भाभा और डॉ. विक्रम साराभाई के नजरिए से देखते हैं. डॉ. भाभा ने भारत के न्यूक्लियर प्रोग्राम को इंजीनियर किया, जबकि डॉ. साराभाई ने इंडियन स्पेस प्रोग्राम की स्थापना की.
Freedom at Midnight एक आत्मा को झकझोर देने वाला हिस्टोरिकल ड्रामा है जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम और भारत-पाकिस्तान के दर्दनाक विभाजन का दस्तावेजीकरण करता है. व्यूअर्स को 1946 से 1948 तक के भारत के राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक को महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मुहम्मद अली जिन्ना जैसे प्रमुख हस्तियों के माध्यम से अधिक गहराई से देखने को मिलता है.
Nirmal Pathak Ki Ghar Wapsi एक दिल को छू लेने वाला फैमिली ड्रामा है जो नई दिल्ली के एक लेखक की यात्रा पर फोक्स्ड है. वह 24 साल बाद अपनी जड़ों को खोजने के लिए अपने गांव, बक्सर, बिहार लौटता है. हालांकि शुरू में उसे गांव की जिंदगी से प्यार हो जाता है, लेकिन जातिवाद, सामाजिक बुराइयां और संयुक्त परिवार के संघर्ष जैसी कड़वी सच्चाइयां बताती हैं कि क्यों उसके पिता ने सालों पहले बक्सर छोड़ दिया था और क्यों उसे अपनी मां से दूर रखा गया था.
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