शुरुआत से लेकर एंड तक सिर्फ थ्रिल! 1 घंटा 45 मिनट की फिल्म, खून भरी ट्रेन और दिल दहलाने वाला ट्विस्ट

Updated on 22-Jul-2025

कभी-कभी कुछ ऐसी फ़िल्में देखने का मौका मिलता है जो सिर्फ कहानी नहीं सुनाती, बल्कि दर्शक को अपनी सीट से हिलने तक नहीं देती. ‘किल’ (Kill) भी उन्हीं फिल्मों में से एक है, यह कोई आम एक्शन मूवी नहीं, बल्कि एक महसूस होने वाली जर्नी है, जो ज़िंदगी और मौत जैसी हकीकतों के बीच सभी को कुछ सवालों से भर देती है। फिल्म की दुनिया में एक रात, एक ट्रेन, और इमोशंस के सैलाब के साथ, ये कहानी आपकी सामान्य सोच को चुनौती देती है और क्राइम-थ्रिलर की एकदम नई परिभाषा आपके सामने रखती है.

चलिए, अब जानते हैं कि ‘किल’ फिल्म में क्या-क्या है जो इसे अलग बनाता है:

‘Kill’: एक रात, एक ट्रेन और थ्रिलर की नई परिभाषा

यह फिल्म उन कुछ फिल्मों में से एक है, जिनमें कहानी इतनी तेजी से बदलती और एक नया मोड़ लेती है, जिसे देखकर सभी की साँसे थम सी जाती हैं. फिल्म की खासियत यह है कि लगभग पूरी कहानी महज एक रात और ट्रेन के सफर में सिमटी है, लेकिन रोमांच का लेवल कहानी के आगे बढ़ने के साथ साथ बढ़ता ही जाता है. जब आप फिल्म देखेंगे, तो वक्त किस तेजी से आगे बढ़ रहा है, यह आप भूल ही जायेंगे.

एक्शन और थ्रिलर गजब डॉज

‘किल’ फिल्म एक्शन लवर्स के लिए बेहतरीन ऑप्शन माना जा सकता है. इसमें क्राइम, थ्रिलर और अभिनय का समग्र मिश्रण मिलता है. हालाँकि, फिल्म में नजर आने वाले कलाकार उतने ज्यादा बड़े और चर्चित नहीं हैं, इन्हें आपने ज्यादा फिल्मों में नहीं देखा होगा लेकिन इसके बाद भी अपनी अदाकारी के दम पर इन्होने फिल्म को एक मुकाम हासिल कराया है. फिल्म जाहिर तौर पर बड़े नामों के बिना भी दर्शकों का दिल जीत रही है.

ओटीटी पर भी धमाल कर रही है फिल्म

निखिल नागेश भट्ट के निर्देशन में बनी यह हिंदी फिल्म जियो हॉटस्टार जैसे बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर देखी जा सकती है। अगर आप एक ऐसा वीकेंड प्लान कर रहे हैं जिसमें जबरदस्त थ्रिल हो तो ‘किल’ फिल्म को देखना एक परफेक्ट चॉइस हो सकती है.

क्या कहती है फिल्म की कहानी

फिल्म की शुरुआत सेना के एक जवान के छोटे से सफ़र से शुरू होती है. इस कहानी में देखा जा सकता है कि यह सेना का जवान अपने एक दोस्त के साथ पटना से दिल्ली के सफ़र में एक ट्रेन में मौजूद होता है. इस ट्रेन में इत्तेफाक से उसकी प्रेमिका भी होती है. ऐसे में कहानी में एक नया मोड़ आता है, ट्रेन में कुछ डकैत घुस जाते हैं और ट्रेन में मौजूद यात्रियों पर जोर आजमाइश शुरू कर देते हैं. फिर क्या होता है और कैसे यह जवान इस डकैतों से लड़ता है. यह फिल्म आपको यह सब बारीकी से दिखाने वाली है. फिल्म का एक एक सीन आपके अपने साथ बाँधे रखने वाला है. इस फिल्म को देखने के लिए आपका लगभग लगभग 1 घंटा 45 मिनट के आसपास का समय जाने वाला है. IMDb इस फिल्म को 7.5 रेटिंग मिली है.

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life.

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