WhatsApp v/s Arattai: भारत में WhatsApp मैसेजिंग का बादशाह है, इस बात में कोई शक नहीं. लेकिन अब इस बादशाह को टक्कर देने के लिए एक ‘मेड इन इंडिया’ चैलेंजर मैदान में उतर आया है Arattai. चेन्नई की कंपनी Zoho द्वारा बनाया गया यह ऐप हाल ही में तब सुर्खियों में आया जब सरकार ने भी इसे इस्तेमाल करने की अपील की, जिसके बाद इसके यूजर्स में 100 गुना की बढ़ोतरी देखी गई.
अब सवाल उठता है कि तो क्या Arattai में वो दम है जो WhatsApp को टक्कर दे सके? आइए, इन दोनों ऐप्स के फीचर्स, सिक्योरिटी और प्राइवेसी की आमने-सामने की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन किस पर भारी पड़ता है.
अगर हम बेसिक फीचर्स की बात करें तो Arattai और WhatsApp दोनों में आपको टेक्स्ट मैसेजिंग, मीडिया फाइल शेयरिंग, वॉयस नोट्स, और वॉयस/वीडियो कॉल जैसी सभी जरूरी सुविधाएं मिलती हैं. ग्रुप चैट्स के मामले में भी दोनों लगभग बराबर हैं, जहां WhatsApp 1,024 मेंबर्स को सपोर्ट करता है, वहीं Arattai में आप लगभग 1,000 मेंबर्स का ग्रुप बना सकते हैं.
लेकिन एक जगह जहां Arattai बाजी मार लेता है, वह है मल्टी-डिवाइस एक्सेस. आप अपने Arattai अकाउंट को एक साथ पांच डिवाइस पर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें एंड्रॉयड टीवी भी शामिल है. यह एक ऐसा फीचर है जो WhatsApp फिलहाल ऑफर नहीं करता. तो अगर आप अपने टीवी पर भी चैटिंग का मजा लेना चाहते हैं, तो Arattai आपके लिए है.
किसी भी मैसेजिंग ऐप के लिए सिक्योरिटी और प्राइवेसी सबसे अहम होती है, और यहीं पर इन दोनों ऐप्स के बीच सबसे बड़ा अंतर सामने आता है.
एन्क्रिप्शन (Encryption): WhatsApp अपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) के लिए जाना जाता है, जो आपकी चैट्स, कॉल्स, और शेयर की गई फाइल्स, सभी को सुरक्षित रखता है. इसका मतलब है कि WhatsApp भी आपकी बातें नहीं पढ़ सकता है.
वहीं दूसरी तरफ, Arattai में फिलहाल E2EE सिर्फ वॉयस और वीडियो कॉल्स पर ही लागू है. आपकी टेक्स्ट चैट अभी तक पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड नहीं हैं, हालांकि Zoho ने भविष्य के अपडेट्स में इसे लागू करने का वादा किया है. सिक्योरिटी के मामले में यह Arattai की सबसे बड़ी कमजोरी है.
डेटा प्राइवेसी: लेकिन डेटा प्राइवेसी के मामले में Arattai का दावा मजबूत है. Zoho का कहना है कि वह विज्ञापनों के लिए आपके डेटा का इस्तेमाल नहीं करता और न ही इसे किसी थर्ड-पार्टी को बेचता है. इसके अलावा, Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने इस बात पर जोर दिया है कि यह ‘मेड इन इंडिया’ ऐप है और इसके सभी डेटा सेंटर्स भी देश में ही स्थित हैं, जो उन लोगों को आकर्षित करता है जो लोकल डेटा मैनेजमेंट को महत्व देते हैं.
तो क्या आपको WhatsApp डिलीट कर देना चाहिए? इसका जवाब है अभी नहीं. WhatsApp भारत में लोगों की आदत बन चुका है. हालांकि, सरकारी समर्थन और ‘मेड इन इंडिया’ टैग से Arattai को अच्छी शुरुआत मिली है. अगर Zoho, चैट एन्क्रिप्शन की कमी को जल्द से जल्द दूर कर लेता है और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थिर रखता है, तो यह मार्केट में अपनी एक खास जगह बना सकता है. लेकिन भारत में WhatsApp को पूरी तरह से रिप्लेस करना अभी भी एक बहुत बड़ी चुनौती है.
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