Direct 2 Mobile: बिना सिम और इंटरनेट Mobile पर चलेंगे Video, गजब की है ये तकनीकी 

केंद्र सरकार की ओर से ग्राहकों के लिए एक क्रांतिकारी तकनीक पर काम चल रहा है। 

इस तकनीकी की मदद से ग्राहक बिना इंटरनेट कनेक्शन के अपने स्मार्टफोन पर लाइव टीवी चैनल देख पाएंगे।

इसे डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) तकनीक कहा जा रहा है, इस समय इसकी टेस्टिंग चल रही है।  

इस बारे में सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने मंगलवार को कहा कि यह एक घरेलू तकनीक होगी। 

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि जल्द ही 19 शहरों में इसका परीक्षण किया जाएगा। 

पिछले साल, D2M तकनीक का परीक्षण करने के लिए बेंगलुरु, कर्तव्य पथ और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए थे। 

यह तकनीक Active Internet Connection के बिना यूजर्स के स्मार्टफ़ोन पर मल्टीमीडिया कॉन्टेन्ट दिखाने में सक्षम है। 

क्या है D2M तकनीकी?

अभी के लिए इस तकनाकी का इस्तेमाल परंपरागत रूप से आपातकालीन अलर्ट जारी करने के अलावा 

आपदा प्रबंधन में सहायता के लिए किया जा रहा है। हालांकि अब इसके दायरे को बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। 

इस तकनीकी को लेकर सरकार की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि 

D2M का उपयोग करके नेटवर्क बैंडविड्थ पर दबाव डाले बिना सीधे यूजर्स के मोबाइल फोन पर कोई भी जानकारी पहुंचाई जा सकती है। 

इसके अलावा श्री चंद्रा ने यह भी कहा है कि डी2एम में बदलाव से 5जी नेटवर्क की रुकावट दूर हो जाएगी।

आइए अब जानते है कि आखिर कैसे कम करेगी यह नई तकनीकी? 

डी2एम तकनीक एफएम रेडियो के जैसे ही काम करती है, जहां एक रिसीवर को सिग्नल मिलता है। 

कैसे काम करने वाली है D2M तकनीकी?

यह भी डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच/DTH) की तर्ज पर ही काम करने वाली तकनीकी है। 

जिसमें एक डिश एंटीना सैटेलाइट से सीधे प्रसारण सिग्नल प्राप्त करता है और उन्हें एक रिसीवर तक पहुंचाता है। 

इसे आम भाषा में हम एक सेट-टॉप बॉक्स के तौर पर जानते हैं। यह सभी के घरों में होता है। 

अब आप समझ गए होंगे कि आखिर यह कैसे काम करने वाली तकनीकी है। 

हालांकि आपको बता देते है कि अभी इस समय लॉन्च होने वाले स्मार्टफोन इस तकनीकी के सपोर्ट के साथ नहीं आते हैं। 

इस बारे में 2022 में IIT कानपुर का एक पेपर भी प्रकाशित हुआ था, इसमें भी यही कहा गया था। 

यहाँ बता देते है कि इसके लिए डिवाइस को सपोर्टेबल बनाने हेतु कुछ चीजों की जरूरत होती है। 

इसमें एक एंटीना, कम शोर वाले एम्पलीफायर, बेसबैंड फिल्टर और एक रिसीवर के साथ एक अलग बेसबैंड प्रोसेसिंग यूनिट। 

ये सब D2M तकनीकी को सही प्रकार से काम करने के लिए चाहिए होता है। 

अब देखना होगा कि क्या भविष्य में D2M की सपोर्ट के साथ स्मार्टफोन आते हैं या हमें अभी कुछ इंतज़ार करना पड़ सकता है।