यह एक भारतीय मलयालम थ्रिलर फिल्म है. जो 2014 में इराक के तिकरीत शहर में भारतीय नर्सो की पीड़ा पर आधारित है. इस फिल्म का निर्देशन महेश नारायण ने किया है. इसमें कुंचाको बोबन, पार्वती थिरुवोथु, फहद फासिल और दिव्या प्रभा ने रोल किया है.
यह फिल्म कर्नाटक और तमिलनाडु के बार्डर पर रहने वाले डाकू वीरप्पन की कहानी है. इसमें विरप्पन अपने खूंखार मिजाज के लिए मशहूर था. साल 2014 में पुलिस ने एक खास ऑपरेशन चलाकर पीरप्पन को मार गिराया था.
यह एक मलयालम फिल्म है. इसमें मिडिल और लोअर मिडिल क्लास के 11 दोस्तों की कहानी को दिखाया गया है. ये दोस्त बचपन से ही एक-दूसरे के अच्छे दोस्त होते है. इन दोस्तों का एक सपना है कि वे साथ में ट्रैवल करके अपने सपने को पूरे करें.
यह फिल्म एक साधारण व्यक्ति के बारे में है, जो अपनी ज़िंदगी में एक गलतफहमी का शिकार हो जाता है और उसे समाज में अपमान का सामना करना पड़ता है. यह फिल्म समाज में मानसिक रुप से फैली गलतफहमियों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करती है.
यह फिल्म पुलिस हिरासत में बुरे व्यवहार और उत्पीड़न की सच्चाई को उजागर करती है. इसमें चार श्रमिकों को गलत तरीके से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है और उनसे झूठे अपराध कबूल करवाए जाते हैं.
जय भीम फिल्म भारतीय जातिवाद और न्याय के मुद्दों पर आधारित है. यह एक सच घटना पर आधारित है जिसमें एक आदिवासी महिला अपने पति की हत्या के मामले में न्याय की तलाश करती है, और एक वकील उसकी मदद करता है. यह फिल्म सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष को दिखाती है.
इस फिल्म में कई जिंदगियों का एक साथ जुड़ना दिखाया गया है. यह कहानी सड़क दुर्घटना के बाद एक अंगदान के प्रयास पर आधारित है, जिसमें विभिन्न व्यक्तियों की ज़िंदगिया एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं. यह फिल्म मानवीयता और दयालुता का संदेश देती है.
यह फिल्म तेलंगाना के नक्सल आंदोलन पर आधारित है. यह कहानी एक महिला की है, जो नक्सलवादी आंदोलन में शामिल होती है और संघर्ष करती है. इस फिल्म सामाजिक बदलाव और आदर्शों की तलाश के बारे में दिखाया गया है.
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक खतरनाक गैंग के खिलाफ अपनी लड़ाई में जुटा है. इस फिल्म में कार्रवाई, न्याय और पुलिस सेवा के संघर्ष को दिखाया गया है.
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक खतरनाक गैंग के खिलाफ अपनी लड़ाई में जुटा है. इस फिल्म में कार्रवाई, न्याय और पुलिस सेवा के संघर्ष को दिखाया गया है.