---अल्फिया खानम

हॉरर के पीछे की हकीकत: 7 डरावनी फिल्में जो ज़िंदगी का बड़ा सबक सिखाती हैं

यह फिल्म एक अकेली माँ और उसके बेटे की कहानी है, जो एक रहस्यमयी किताब में छिपे राक्षस "Babadook" से जूझते हैं। असल में यह कहानी हमारे अंदर छिपे दुख, अवसाद और मानसिक समस्याओं का प्रतीक है। यह फिल्म हमें सिखाती है कि जब हम अपने डर और दुखों का सामना करते हैं, तभी हम उन्हें नियंत्रित कर सकते हैं।

The Babadook (2014)

भारतीय पौराणिकता पर आधारित यह फिल्म बताती है कि जब इंसान हद से ज़्यादा लालच करता है, तो वह खुद का सर्वनाश कर बैठता है। फिल्म का मुख्य पात्र हवस में इतना अंधा हो जाता है कि वो अपनी ज़िंदगी और आत्मा दोनों खो बैठता है।

Tumbbad (2018)

यह साइकोलॉजिकल साइंस-हॉरर फिल्म बताती है कि कैसे अत्यधिक टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को प्रभावित कर सकती है। फिल्म यह संदेश देती है कि तकनीक का अंधाधुंध उपयोग हमें खुद से और दूसरों से दूर कर देता है।

Monolith (2022)

यह फिल्म एक परिवार की पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही त्रासदियों और रहस्यों को दिखाती है। यह सिखाती है कि अपने परिवार के अतीत और मानसिक समस्याओं को समझना और उनसे निपटना कितना जरूरी है।

Hereditary (2018)

यह फिल्म एक अश्वेत युवक की कहानी है जो एक श्वेत लड़की के घर मिलने जाता है और वहां अजीब घटनाओं का सामना करता है। फिल्म सामाजिक मुद्दों और नस्लवाद की परतें खोलती है और दिखाती है कि कैसे समाज में छुपे पूर्वाग्रह जानलेवा हो सकते हैं।

Get Out (2017)

यह फिल्म बताती है कि हमारा अंधकारमय पक्ष, अगर दबा रह जाए और उभर आए, तो वह हमारे जीवन को तहस-नहस कर सकता है। साथ ही यह सामाजिक असमानता पर भी तीखा कमेंट करती है।

Us (2019)

स्टैनली क्यूब्रिक की इस क्लासिक फिल्म में, एक व्यक्ति एक होटल में परिवार सहित बंद हो जाता है और धीरे-धीरे पागलपन की ओर बढ़ता है। यह फिल्म बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य का ठीक से इलाज न हो तो वह कैसे हमें और हमारे करीबियों को तबाह कर सकता है।

The Shining (1980)