कितने आदमी थे' यह डायलॉग, अमजद खान ने फ़िल्म 'शोले' में गब्बर सिंह के किरदार में बोला था. यह डायलॉग इतना मशहूर हुआ कि यह बॉलीवुड के खलनायकों के लिए स्वर्ण मानक बन गया.
मोगैम्बो खुश हुआ. अमरीश पुरी का यह मशहूर डायलॉग 1987 की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में दिखाया गया था. इसमें उन्होंने एक महापागल तानाशाह मोगैम्बो की भूमिका निभाई थी जो बॉलीवुड के इतिहास में सबसे मशहूर खलनायकों में से एक बन गया.
यह फिल्म मालेगांव के छोटे फिल्ममेकर्स की असली कहानी पर आधारित है. इसका एक सशहुर डॉयलॉग है- 'मुझे गंदगी बहुत पसंद है' इसमें अकरम एक महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माता है जो अपने दोस्तों के साथ कम बजट की सुपरहीरो फिल्म बनाना चाहता है.
अलाउद्दीन खिलजी एक लालची और निर्दयी सुल्तान था, जो चित्तौड़ की रानी पद्मावती की सुंदरता से मोहित होकर उसे पाने के लिए युद्ध छेड़ता है. राजा रतन सिंह अपने राज्य और रानी की इज्जत के लिए आखिरी दम तक लड़ते हैं. आखिर में, रानी पद्मावती जौहर (आत्मदाह) कर लेती हैं ताकि वह खिलजी के हाथों न पड़े.
साल 1994 में राजकुमार संतोषी की फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में क्राइम मास्टर गोगो के किरदार के लिए शक्ति कपूर को खूब सराहा गया. इस फिल्म में हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार्स आमिर खान और सलमान खान साथ नजर आए थे.
साल 2007 में आई फ़िल्म वेलकम में उदय (नाना पाटेकर) और मजनू (अनिल कपूर) नाम के दो किरदार हैं. इसमें उदय एक आपराधिक डॉन है और वह अपनी बहन संजना (कैटरीना कैफ़) से शादी करना चाहता है.