---अल्फिया खानम
Jordan Peele की ये फिल्म "Us" एक परफेक्ट माइंड-बेंडिंग हॉरर है जिसमें एक परिवार का सामना अपने ही डरावने डॉपेलगैंगर्स से होता है। फिल्म सामाजिक संदेश, दिमागी उलझन और भय का ऐसा मिश्रण है जो अंत तक आपको असहज रखेगा।
एक अकेली लड़की और दो अनजान लोगों के बीच घटती घटनाओं की कहानी है। पूरी फिल्म एक ही घर में सेट है लेकिन इसकी टेंशन और साइकोलॉजिकल थ्रिल आपको सांस रोकने पर मजबूर कर देती है। उर्मिला मातोंडकर का अभिनय रोंगटे खड़े कर देता है।
यह फिल्म नस्लभेद और माइंड कंट्रोल को हॉरर के माध्यम से दिखाती है। जब एक अश्वेत लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के घर जाता है, तो सब कुछ धीरे-धीरे अजीब होने लगता है। इसका टविस्ट और सस्पेंस दिमाग को झकझोर देता है। यह आधुनिक हॉरर की एक मास्टरपीस मानी जाती है।
यह मलयालम फिल्म हॉरर से कहीं ज़्यादा मानसिक बीमारी, अकेलेपन और ट्रॉमा को दर्शाती है। मां-बेटे की जोड़ी पर केंद्रित ये फिल्म धीरे-धीरे डर को आपके अंदर बसा देती है — बिना किसी जंप स्केयर के भी आप असहज महसूस करेंगे।
Stephen King की कहानी पर आधारित इस फिल्म में एक महिला अपने पति के साथ छुट्टियों में जाती है, लेकिन एक हादसे के बाद वह अकेली, बेड़ियों में जकड़ी हुई रह जाती है। फिल्म उसके डर, मानसिक टूटन और अंदर छिपे अंधेरे का सामना दिखाती है। बेहद क्लस्ट्रोफोबिक और साइकोलॉजिकल।
यह ऑस्ट्रियन फिल्म दो जुड़वां बच्चों और उनकी मां के बीच के रिश्ते पर है, जो सर्जरी के बाद घर लौटती है — लेकिन बच्चों को शक है कि ये उनकी असली मां नहीं है। यह फिल्म धीरे-धीरे एक साइकोलॉजिकल टॉर्चर में बदल जाती है और अंत तक आपको हिला देती है।
Ajay Devgn और R Madhavan स्टारर ये फिल्म एक फैमिली हॉरर थ्रिलर है जिसमें ब्लैक मैजिक, माइंड कंट्रोल और सस्पेंस का खतरनाक मिक्स है। फिल्म का वातावरण और साइकोलॉजिकल तनाव धीरे-धीरे आपके नर्वस सिस्टम पर असर डालता है।