Chrome की बादशाहत खत्म? OpenAI का AI ब्राउजर ‘ChatGPT Atlas’ लॉन्च, धड़ाम से गिर गए गूगल के शेयर!
Google Chrome की बादशाहत अब खतरे में आ सकती है. ब्राउजर का ‘किंग’ माने जाने वाले Google Chrome को टक्कर देने के लिए ChatGPT ने अब खुद एक ब्राउजर लॉन्च कर दिया है.
SurveyOpenAI ने ‘ChatGPT Atlas’ नाम का अपना AI-पावर्ड वेब ब्राउजर लॉन्च कर दिया है, जो गूगल की बादशाहत को सीधी चुनौती दे रहा है. यह सिर्फ एक और ब्राउजर नहीं है. यह एक ऐसा असिस्टेंट है जो आपके लिए बुकिंग करने से लेकर रिसर्च करने तक, सब कुछ खुद ही कर देगा. आइए, जानते हैं इस नए गेम-चेंजर ब्राउजर के बारे में. यह ब्राउजर अभी macOS यूजर्स के लिए ग्लोबली उपलब्ध हो गया है. जल्द ही Windows, iOS और Android वर्जन भी जल्द ही आने की उम्मीद है.
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने इस लॉन्च को “ब्राउजर क्या हो सकता है, इस पर पुनर्विचार करने का एक दुर्लभ अवसर” बताया है. यह सिर्फ एक और ब्राउजर नहीं है, बल्कि इसके मूल में ChatGPT को इंटीग्रेट किया गया है. इसका आइडिया बहुत सिम्पल है, आपको AI की मदद के लिए टैब्स के बीच स्विच करने या कंटेंट को कॉपी-पेस्ट करने की जरूरत नहीं है. AI अब आपकी ब्राउजिंग का एक हिस्सा है.
क्या हैं ‘Atlas’ के जादुई फीचर्स?
‘Atlas’ को जो चीज Google Chrome या Microsoft Edge से अलग बनाती है, वह हैं इसके तीन मुख्य फीचर्स हैं.
ChatGPT साइडबार: आप कोई भी वेबपेज खोलें, Atlas में एक ChatGPT साइडबार हमेशा आपके साथ रहेगा. आप उस पेज को समराइज करने, डेटा का विश्लेषण करने, या किसी भी काम में रियल-टाइम में मदद ले सकते हैं.
‘कर्सर चैट’ और ‘मेमोरीज’: इसका “कर्सर चैट” फीचर आपको ईमेल या डॉक्यूमेंट में किसी भी टेक्स्ट को हाईलाइट करने और ChatGPT को उसे तुरंत ठीक करने, बेहतर बनाने या एडिट करने का निर्देश देने की अनुमति देता है. इसके अलावा, इसमें ‘ब्राउजर मेमोरीज’ का ऑप्शनल फीचर भी है, जो ChatGPT को यह याद रखने की इजाजत देता है कि आपने किन साइट्स पर विजिट किया था. इससे आप बाद में ऐसे सवाल पूछ सकते हैं, जैसे “पिछले हफ्ते मैंने जितनी भी नौकरियों की पोस्टिंग देखी थी, उनका एक सारांश बनाओ.”
एजेंट मोड (आपका पर्सनल असिस्टेंट): इसका सबसे फ्यूचरिस्टिक फीचर है ‘एजेंट मोड’ (Agent Mode), जो फिलहाल Plus, Pro, और Business यूजर्स के लिए प्रीव्यू में उपलब्ध है. यह ChatGPT को आपकी ओर से काम करने की शक्ति देता है – यानी, आपके लिए रिजर्वेशन बुक करना, आइटम खरीदना, या रिसर्च करना, वह भी तब जब आप सिर्फ निगरानी कर रहे हों.
प्राइवेसी और सिक्योरिटी का क्या?
अब आप सोच रहे होंगे कि यह सब कितना सुरक्षित है? OpenAI का कहना है कि वह आपकी ब्राउजिंग जानकारी का उपयोग अपने मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए (डिफ़ॉल्ट रूप से) नहीं करेगा. यूजर्स यह टॉगल कर सकते हैं कि ChatGPT किन साइट्स को देख सकता है, और इनकॉग्निटो मोड का उपयोग करके ChatGPT से अस्थायी रूप से लॉग आउट भी कर सकते हैं.
मार्केट में मची खलबली
Atlas के लॉन्च होते ही मार्केट में खलबली मच गई. गूगल का स्टॉक 3% तक गिर गया, जो दिखाता है कि निवेशक Chrome की बादशाहत को लेकर कितने चिंतित हैं. AI ब्राउजर की यह लड़ाई अब तेज हो गई है. Perplexity ने जुलाई में अपना Comet AI ब्राउजर लॉन्च किया था, गूगल ने पिछले महीने Gemini को Chrome में और गहराई से इंटीग्रेट किया है, और Microsoft पहले से ही Edge को Copilot से पावर दे रहा है.
लेकिन इस खेल में एक बड़ा पेंच है. OpenAI का सबसे बड़ा निवेशक और पार्टनर Microsoft है, जो अब ब्राउजर के मामले में उसका प्रतियोगी भी बन गया है.
रिवर्स इंजीनियर जेन मनचुन वोंग ने कहा कि Atlas के कोड में Chromium के अवशेष पाए हैं, जिससे पता चलता है कि OpenAI ने गूगल के ब्राउजर को चुनौती देने के लिए गूगल के ही ओपन-सोर्स इंजन का इस्तेमाल किया है, जिस पर Chrome, Edge, और Opera भी बने हैं.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile