रियल स्टोरी पर बेस्ड इस दमदार फिल्म ने जीता सबका दिल, IMDb पर मिली 8.9 की रेटिंग, जानिए कहां देखें
अगर आप एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो केवल टाइमपास न होकर आपको अंदर तक झकझोर दे और कई सवाल छोड़ जाए, तो ‘हिज़ स्टोरी ऑफ़ इतिहास’ जरूर आपकी वॉचलिस्ट में होनी चाहिए. इसी साल मई में सिनेमाघरों में आई इस फिल्म ने रिलीज़ होते ही दर्शकों का ध्यान खींच लिया था और लगातार चर्चा में बनी रही. IMDb पर इसे 8.9 की जबरदस्त रेटिंग मिली है, जो किसी भी फिल्म के लिए बेहद खास मानी जाती है और इसकी गंभीरता और प्रभाव को साफ दिखाती है.
Surveyकैसी है कहानी
फिल्म की कहानी असल जिंदगी से प्रेरित है और एक फिजिक्स टीचर, नमित भारद्वाज, के इर्द-गिर्द घूमती है, जो चंडीगढ़ के एक स्कूल में पढ़ाते हैं. कहानी तब मोड़ लेती है जब नमित अपनी बेटी की हिस्ट्री की किताब में लिखी कुछ बातों पर सवाल उठाने लगते हैं. उन्हें महसूस होता है कि किताबों में दर्ज कई ऐतिहासिक फैक्ट्स या तो भ्रामक हैं या फिर सही संदर्भ में पेश नहीं किए गए हैं. यहीं से नमित का सफर शुरू होता है, जहां वह RTI के जरिए जवाब ढूंढते हैं, किताबों में दिए गए स्रोतों की पड़ताल करते हैं और आखिरकार शिक्षा व्यवस्था से सीधी टक्कर लेने का फैसला करते हैं.
इस फिल्म को खास बनाने वाली एक बड़ी वजह है दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया. IMDb पर 800 से अधिक यूज़र्स ने इसे लगभग फुल मार्क्स दिए हैं, जो यह बताता है कि फिल्म कितनी सच्चाई के साथ बनाई गई है. सोशल मीडिया पर भी इसका असर साफ देखा गया था. लोग इसके दमदार डायलॉग्स शेयर कर रहे थे और खासतौर पर क्लाइमैक्स को लेकर भावुक पोस्ट्स लिख रहे थे. कई दर्शकों का मानना है कि जो लोग बच्चों को इतिहास पढ़ाते हैं या खुद इतिहास को गंभीरता से समझना चाहते हैं, उन्हें यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए.
स्टार कास्ट
फिल्म की कास्ट ने भी कहानी को मजबूती दी है. सुबोध भावे और योगेंद्र टिक्कू की असरदार अदाकारी किरदारों को गहराई देती है और दर्शक उनसे तुरंत जुड़ जाता है. निर्देशक मनप्रीत सिंह धामी ने हर सीन को बेहद संवेदनशील तरीके से फिल्माया है, जिससे कहीं भावनाएं हावी होती हैं तो कहीं दर्शक सच और व्यवस्था पर सवाल करने को मजबूर हो जाता है.
कहां देखें
30 मई 2025 को थिएटर्स में रिलीज़ हुई ‘हिज़ स्टोरी ऑफ़ इतिहास’ अभी किसी भी ओटीटी पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध नहीं है, इसलिए फिलहाल आप इसे सिनेमाघरों में देख सकते हैं. इसे देखने की एक बड़ी वजह यह भी है कि इसका इमोशनल और सोचने पर मजबूर कर देने वाला प्रभाव वैसा ही है जैसा कभी ‘तारे ज़मीन पर’, ‘कपूर एंड सन्स’ या ‘चिल्लर पार्टी’ छोड़ गई थीं.
अगर आप इतिहास को एक पारंपरिक नज़रिए से हटकर समझना चाहते हैं और यह जानने की जिज्ञासा रखते हैं कि किताबों में लिखी बातों के पीछे असल हकीकत क्या है, तो ‘हिज़ स्टोरी ऑफ़ इतिहास’ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है. फिल्म का क्लाइमैक्स इमोशन्स और सच्चाई का ऐसा मेल है, जो आख़िरी सीन के बाद भी लंबे समय तक आपके ज़हन में बना रहता है.
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile